विद्यापीठ – प्रो. कर्नल शिव सिंह सारंगदेवोत के नेतृत्व में बदला विद्यापीठ, देश के टॉप विवि में हुआ शुमार

कुलपति के पद पर 13 वर्ष पूर्ण कर 14वें वर्ष में किया प्रवेश – 02 जून, 2012 को कुलपति का पदभार किया ग्रहण

उदयपुर 01 जुन / शहर के जाने माने शिक्षाविद् प्रो. (कर्नल) एस.एस. सारंगदेवोत के नेतृत्व में पिछले 13 सालों में राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय की दिशा और दशा दोनों ही बदल चुकी हैं। आज विवि के पास नैक से ए ग्रेड है जो कि इसे देश के टॉप विवि में शामिल कराता है। प्रो. (कर्नल) एस.एस. सारंगदेवोत ने 2 जून 2012 से जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय के सातवें कुलपति की बागडोर संभाली। इसके बाद चाहे विवि में नए कोर्स हो या सबसे ज्यादा पीएचडी इन सब में विद्यापीठ ने नया मुकाम पाया है। प्रो. सारंगदेवोत ने विद्या प्रचारिणी सभा के कार्यकारी अध्यक्ष व चैयरमैन बीएन विश्वविद्यालय के पद पर कार्यरत होकर यहां भी प्रभावी बौद्धिक क्षमता, कुशल नेतृत्व, दक्षता और असाधारण शैक्षणिक सूझबूझ को सिद्ध किया है।
इन सभी सफलताओं के आयामों को भी पाया,  2012 से पहले विद्यापीठ में न तो डिजिटलीकरण था और न ही ई-पुस्तकों या ई-जर्नल्स की कोई सुविधा। आज 70 प्रतिशत पुस्तकें डिजिटाइज हो चुकी हैं, 1,70,000़ ई-पुस्तकें और 3,500़ ई-जर्नल्स उपलब्ध हैं। पुस्तकालय ऑटोमेशन लगभग पूर्ण हो चुका है। किताबों की संख्या 1.47 लाख से बढ़कर 2.73 लाख से अधिक हो चुकी है और एनसाइक्लोपीडिया की संख्या 100़ हो चुकी है।
प्रो. सारंगदेवोत द्वारा अब तक 95 शोधार्थियों को पीएचडी पूर्ण कराई गई है व 08 वर्तमान में चल रही है। 2012 में केवल 05 कोर्स यूजीसी से मान्यता प्राप्त थे लेकिन प्रो. सारंगदेवोत के अथक प्रयास से वर्तमान में 69 कोर्स मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा इनके कार्यकाल में एग्रीकल्चर, विधि महाविद्यालय, बीएड, बीएसी बीएड, योगा, नर्सिग, जीएनएम, बीएसी, एमएससी, सर्टीफिकेट व डिप्लोमा कोर्स, दो कन्या महाविद्यालय के अलावा 125 बेड वाले हाॅस्पीटल का शुभारंभ किया है।
भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर शोध में उनकी गहरी रूचि है, उन्होंने अपने विश्वविद्यालय में एक संग्रहालय का निर्माण भी करवाया है, जिसमें उन्होंने अपने विवि द्वारा की गई विभिन्न स्थानों पर खुदाई में प्राप्त वस्तुओं का संग्रहण किया है। कई पुरानी पांडुलिपियों का डिजिटाइजेशन भी आपने करवाया है। बुनियादी संरचना का भी अभूतपूर्व विकास हुआ है।  कम्प्यूटर 97 से बढ़कर 816, लैपटॉप 3 से 72 और स्मार्ट क्लासरूम की संख्या 0 से 12 तक पहुंची। प्रत्येक विभाग में सेमिनार हॉल और व्यक्तिगत कार्य कक्ष (क्यूबिकल) विकसित किए गए। कुल निर्माण क्षेत्र 9,225 वर्ग मीटर से बढ़कर 66,233 वर्ग मीटर हो गया।

By Udaipurviews

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