डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की यूडीसीए अध्यक्ष पर हैट्रिक, तीसरी बार फिर अध्यक्ष बनने की अधिकारिक घोषणा आज 

सभी सदस्यों ने डॉ. लक्ष्यराज सिंह से मुलाकात कर अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने की अग्रिम बधाई दी 
उदयपुर. उदयपुर में क्रिकेट के सुनहरे भविष्य की उम्मीदें फिर जगी हैं। मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ उदयपुर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (यूडीसीए) के अध्यक्ष पद पर तीसरी बार काबिज होने जा रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि अध्यक्ष पद के लिए उनके खिलाफ किसी ने नामांकन नहीं भरा, जिसके चलते उनका निर्वाचन निर्विरोध तय हो गया है। आधिकारिक घोषणा रविवार को चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही कर दी जाएगी। यह डॉ. लक्ष्यराज सिंह की अध्यक्षता की हैट्रिक होगी, क्योंकि वह इससे पहले 2009 से 2017 तक लगातार दो कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरे कर चुके हैं। नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद शनिवार को सभी क्लब सदस्यों ने डॉ लक्ष्यराज सिंह को बधाई देते हुए अध्यक्ष बनने की अग्रिम शुभकामनाएं दी। यूडीसीए के रविवार को चुनाव होने हैं, लेकिन अध्यक्ष पद पर डॉ लक्ष्यराजसिंह का नाम पहले ही तय हो गया है, क्योंकि अध्यक्ष पद पर लक्ष्यराजसिंह के सामने किसी ने भी नामांकन नहीं भरा। अध्यक्ष पद को छोड़कर अन्य पदों के लिए शनिवार को नाम वापसी के बाद रविवार को चुनाव होंगे। अध्यक्ष पद पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए जाएँगे।
मेवाड़ पूर्व राजपरिवार का क्रिकेट में दबदबा कायम  : डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को विरासत में ही क्रिकेट मिली है। उनके दादा महाराणा भगवतसिंह का क्रिकेट से गहरा नाता रहा है। वे राजपुताना और राजस्थान क्रिकेट टीमों के लिए खेलते थे, प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कुल 31 मैच खेले, 826 रन बनाए और 8 विकेट भी लिए, और राजस्थान के क्रिकेट के कद को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके लिए उन्होंने वीनू मांकड़ जैसे प्रमुख क्रिकेटरों की सेवाएं भी लीं। एक समय था जब राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को वह उदयपुर से चलाते थे। 1945 से 1962 तक राजपुताना और राजस्थान क्रिकेट टीमों के लिए खेला और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कुल 31 मैच खेले। राजस्थान क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया और वीनू मांकड़, जीएस रामचंद्र और विजय मांजरेकर जैसे प्रमुख क्रिकेटरों की सेवाएं मेवाड़ की टीम के लिए लीं। नामचीन क्रिकेटर सलीम दुर्रानी को भी उन्होंने सहयोग दिया था। डॉ. लक्ष्यराज सिंह के पिता अरविन्दसिंह मेवाड़ का क्रिकेट से गहरा नाता रहा। वे एक प्रोफेशनल क्रिकेटर थे और उन्होंने राजस्थान की टीम से रणजी ट्रॉफी में हिस्सा लिया था। उन्होंने 1961 में रणजी ट्रॉफी में राजस्थान के लिए खेलना शुरू किया, जब उनकी उम्र लगभग 17 वर्ष थी। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कुल 21 मैच खेले। उनके बल्ले से 610 रन आए, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल थे।
-डॉ. लक्ष्यराज सिंह से नई उम्मीद- अब बदलेगी उदयपुर क्रिकेट की तस्वीर : डॉ. लक्ष्यराजसिंह के अध्यक्ष बनने के साथ ही क्रिकेट को नए आयाम मिल सकते हैं। अर्से से रुके हुए अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का कार्य जल्द शुरू हो सकता है। वहीं राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में अपना वर्चस्व रखने के कारण कई क्रिकेट मुकाबले उदयपुर को मिलेंगे, इससे नई प्रतिभाएं भी निखरकर बाहर आएगी।
By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!