उदयपुर। विश्व संवाद केंद्र उदयपुर के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को कार्यक्रम आयोजित किए गए।
पहले सत्र में सोशल मीडिया कार्यशाला रखी गई, जिसमें डॉ कुंजन आचार्य, विभागाध्यक्ष, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर ने सोशल मीडिया में इकोसिस्टम पर अपने विचार व्यक्त किए । डॉ आचार्य ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिजिटल मीडिया एवं सोशल मीडिया में अंतर समझाया और सोशल मीडिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा भविष्य में आने वाली नई तकनीकी पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यशाला के दूसरे भाग में सहायक आचार्य डॉ सुनील खटीक ने सोशल मीडिया में करणीय व अकरणीय कार्यों पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ सुनील ने अपने वक्तव्य में बताया कि सोशल मीडिया पर हमें किस प्रकार की सावधानियां रखनी चाहिए और किस प्रकार समाचारों का विश्लेषण कर अपनी सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने रिसर्च कर तथ्यों की पड़ताल करने और सुचना के स्त्रोत की विश्वसनीयता परखने की आवश्यकता जताई।
दूसरा कार्यक्रम पुस्तक समीक्षा एवं परिचर्चा के रूप में आयोजित किया गया जिसमें सुनील खटीक, कुमार वीरेंद्र एवं अमित झालानी द्वारा लिखित “भीम – मीम गठजोड़ (कथ्य और तथ्य)” पुस्तक की समीक्षा की गई। नरेश यादव ने पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत की। सह आचार्य डॉ सरोज कुमार ने मॉडरेटर की भूमिका निभाई। सत्र में पुस्तक के दो लेखक डॉ सुनील खटीक एवं कुमार वीरेंद्र उपस्थित रहे। उन्होंने श्रोताओं के साथ पुस्तक पर परिचर्चा की। पुस्तक बेमेल गठजोड़ स्वरूप अनुसूचित जाति वर्ग के हितों पर तथ्यपरक चिंता व्यक्त करती हैं। लेखकों ने अनुसूचित जाति वर्ग के सम्प्रदायगत पर्यवेक्षण पर गठित बालकृष्णन आयोग, पड़ौसी देशों के प्रताड़ित अनुसूचित वर्ग के मानवाधिकारों के हनन, डेमोग्राफिक बदलाव वाले क्षेत्रों में अनुसूचित वर्ग के मुल अधिकारों पर अतिक्रमण, सरकार द्वारा वित्त पोषित केन्द्रीय शिक्षण संस्थानों को अल्पसंख्यक स्टेटस देकर संवैधानिक आरक्षण समाप्त किये जाने पर विचार व्यक्त किए गए।
कार्यक्रम के अंतिम सोपान में श्रीवर्धन जी, क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, ने अपना अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। उन्होंने विश्व संवाद केंद्र के सभी आयामों को सक्रिय व सुचारू रूप से गतिमान करने पर जोर दिया।