82-83 बेच के पूर्व विद्यार्थियों की एल्यूमिनाई मिट में याद आए कॉलेज के दिन
पूर्व विद्यार्थियों ने सुनाए अपने संस्मरण ……
उदयपुर 03 अगस्त / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के 57वें स्थापना दिवस पर बुधवार को महाविद्यालय के सभागार में 1982-83 बेच के पूरे राजस्थान से आये पूर्व विद्यार्थियोें की ओर से आयोजित एल्यूमिनाई मीट समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि राष्ट्र निर्माण का जिम्मा शिक्षको पर है। शिक्षक ही किसी देश की भावी पीढी को तैयार करने का काम करता है। संस्थान से पढ़ चुके विद्यार्थी संस्था का गौरव, ताकत, अभिमान व हमारे मार्गदर्शक है, आप ही के माध्यम से हम आगे बढ पा रहे है। संस्थान की सफलता किसी एक व्यक्ति से नहीं, सामुहिक भागीदारी से मिलती है। 1966 में स्थापित बीएड कॉलेज राजस्थान का सबसे पुराना कॉलेज है, यहॉ की रीति नीति, परम्परा यहॉ की पहचान है आज भी इस पर यह संस्था कायम है जिससे हर विद्यार्थी इस ओर आकर्षित होते है। यह से निकला शिक्षक जीवन में कभी असफल नहीं हुआ। महाविद्यालय से निकले शिक्षक अपनी मेहनत है काबिलियत के दम पर ख्यातनाम पदों पर आसीन हो अपने परिवार व संस्था का का गौरव बढा रहे है, आपसे ही भावी युवा विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलेगी। इन्होनंे विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल कर हमारा मान बढाया है।
प्रारंभ में प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रोजेक्टर के माध्यम से संस्थान की 57 वर्ष के गौरवमय इतिहास यात्रा को संक्षिप्त में प्रस्तुत किया।
एल्यूमिनाई मीट में समारोह में 40 वर्ष पुराने अपने दोस्तो से मिलकर सभी भावूक हो गये और अपने अपने कार्य क्षेत्र के बारे में पूछने लगे। पूर्व विद्यार्थियोे ने अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि आज विद्यापीठ कई नई उंचाईयों पर पहुच गया है, उन्होने कहा कि आज जिन शिष्योे को हमने पढाया है वे आज गुरू हो गये है। समारोह में बीएड की छात्राओं द्वारा राजस्थानी एवं रिमिक्स गानों पर रंगारंग प्रस्तुतियॉ दी गई।
कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर ने कहा कि संस्थान की विश्वसनीयता व इसकी गरीमा को बनाये रखने का जिम्मा पूर्व छात्रों का है, इसमें वर्तमान परिप्रेक्ष्य में किस प्रकार का ओर कोई बदलाव किया जा सकता है इसके लिए अपने सुझाव दे।
इस अवसर पर पुरातन छात्र परिषद् के अध्यक्ष विजय राज शक्तावत, सचिव अमृत दवे, पतंजली योग पीठ हरिद्वार के स्वामी मेघानंद सरस्वती, राम कल्याण दिवाकर, प्रो. एम.एल. माखीजा, प्रो. एन.एन.जी. माथुर डॉ. प्रवीण दोशी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए इस संगठन को ओर अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया।
समारोह में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, भंवर लाल गुर्जर, प्रो. सरोज गर्ग, अतिथियेां द्वारा पूर्व विद्यार्थियोे का उपरणा, शॉल, माला एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। संचालन डॉ. हरीश चौबीसा ने किया जबकि आभार डॉ. बलिदान जैन ने दिया। इस अवसर पर पूर्व छात्र परिषद् द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
संयोजन डॉ. बलिदान जैन ने किया। इस अवसर पर हरिराम मीणा जिला शिक्षा अधिकारी सवाई माधोपुर, कालूराम कटारा सीनियर मैनेजर, मनफूल नागर उपनिदेशक कोटा, मोहन लाल शर्मा ब्लाक शिक्षा अधिकारी , मूलचंद वर्मा जिला शिक्षा अधिकारी, परमेश्वर श्रीमाली जिला शिक्षा अधिकारी, रमेशचंद चौहान सहायक कमिश्नर कस्टम विभाग भारत सरकार, राम प्रकाश गालव, सूरजमल मेनारिया सरपंच, गायत्री शर्मा, चंचल श्रीमाली, पार्वती वर्मा, गोपाल माली, विनोद त्रिपाठी, डॉ. अमी राठौड, डॉ. रचना राठौड, डॉ. अनिता कोठारी, डॉ. अमित दवे, डॉ. हरीश चौबीसा, इंदू आचार्य, डॉ. हरीश मेनारिया, डॉ. हिम्मत सिंह चुण्डावत, डॉ. पल्लव पाण्डे्य, डॉ. गुणबाला आमेटा, डॉ. रेणू हिंगण, डॉ. शानू शक्तावत सहित पूर्व छात्र उपस्थित थे।