भू-स्थानिक तकनीकों पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण आज से

सुखाडि़या विश्वविद्यालय में 6 राज्यों से प्रतिभागी होंगे शामिल
उदयपुर, 5 जून। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के तत्वावधान में भू-स्थानिक तकनीकों पर 21 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सोमवार 6 जून से शुरू होगा।
कार्यक्रम की संयोजिका एवं भूगोल विभाग की अध्यक्षा प्रो. सीमा जालान ने बताया कि शिविर का शुभारंभ सुबह 9 बजे यूनिर्विसिटी के अतिथि गृह में भारत के भूतपूर्व सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया और नेशनल एटलस एंड सिमेथिक मैपिंग ऑर्गेनाइजेशन, नाटमो के भूतपूर्व निदेशक डॉ. प्रिथ्विश नाग करेंगे। डॉ. नाग सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु भू.स्थानिक मार्ग, संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल जिओ स्पेशिअल सूचना प्रबंधन की रूपरेखा पर व्याख्यान भी देंगे। जालान ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर सी.आर.सुथार करेंगे। इसरो के जोधपुर स्थित पश्चिमी क्षेत्रीय केंद्र के जनरल मैनेजर डॉ. अपूर्ब कुमार बेरा और पृथ्वी विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रो. बीआर बामनिया विशेष अतिथि होंगे।
इसरो के विशेषज्ञ देंगे प्रशिक्षण:
उन्होंने बताया कि शिविर में इसरो और देश के अन्य अग्रणी संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा रिमोट सेंसिग, भौगोलिक सूचना तंत्र, जीपीएस तकनीकों और ओपन सोर्स साफ्टवेयर्स के प्रयोग पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और पश्चिम बंगाल राज्यों से शिक्षक, शोधकर्ता और राज्य सरकार से नामित प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। भारत सरकार द्वारा पोषित इस प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य जमीनी स्तर पर प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन, नियोजन एवं विकास के लिए भू स्थानिक तकनीक के प्रयोग को सुदृढ़ करना है। साथ ही वर्तमान में सरकारी विभागों में योजनाओं की तैयारी एवं क्रियान्वयन में यह तकनीक के रास्ते खुलेंगे।

By Udaipurviews

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