जिले को क्षय मुक्त बनाने में अब दानदाता करेंगे सहयोग

राजस्थान निक्षय संबल योजना में ली जा रही है मदद
उदयपुर, 17 जून। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के क्षय रोगियों को उपचार के दौरान पोषण की जरूरतें पूरी करने के लिए अब दानदाताओं की भी मदद ली जा रही है। राजस्थान निक्षय संबल योजना के अंतर्गत टीबी मरीजों को गुणवत्तापूर्ण पोषण आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले के दानदाताओं को आमंत्रित किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दिनेश खराड़ी ने बताया कि निक्षय संबल योजना के अंतर्गत जिले के सहकारी, कॉरपोरेट, निर्वाचित प्रतिनिधि, संस्थान, एनजीओ, राजनीतिक दल सहित आमजन भी स्वेच्छा से इस योजना के तहत दानदाता के रूप में जिले को टीबी मुक्त बनाने की मुहिम में न्यूनतम 1 वर्ष के लिए सहयोग प्रदान कर सकते हैं। इस हेतु जिले के दानदाता जिला क्षय रोग अधिकारी से संपर्क कर इस योजना के तहत भागीदार बन टीबी मरीजों के लिए पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराने में मदद कर सकते हैं।
यह है योजना का उद्देश्य
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अंशुल मट्ठा ने बताया कि टीबी रोग के उपचार के दौरान उपचार के बेहतर परिणाम हेतु दवाइयों के साथ-साथ प्रोटीन युक्त पोषक आहार की जरूरत होती है। दवाइयों के साथ साथ उचित आहार मिलने से रोगी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रक्रिया में इजाफा होता है। सरकार की तरफ से इस हेतु क्षय रोगियों को 500 रुपए प्रतिमाह निक्षय पोषण के रूप में दिए भी जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि टीबी रोगियों को पोषण हेतु अतिरिक्त सहायता प्रदान करने एवं 2025 तक टीबी मुक्त भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए अब समुदाय की भागीदारी एवम् कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के सहयोग से क्षय रोगियों को शैक्षिक, व्यवसायिक और पोषण संबंधी सहायता के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है।
दिनेश मट्ठा पहले दानदाता जो 10 टीबी मरीजों की करेंगे सहायता
पोषाहार वितरण के लिए शुरू की गई इस योजना को जिले में पहले दानदाता मिल गए हैं। क्षय रोगियों की सहायता के लिए शुरू हुई इस अनुकरणीय पहल की शुरुआत स्वयं जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अंशुल मट्ठा के पिता श्री दिनेश मट्ठा ने की है। अपनी पत्नी स्वर्गीय मायादेवी मट्ठा की स्मृति में दिनेश मट्ठा ने निक्षय संबल योजना के तहत 10 क्षय रोगियों को पोषाहार वितरित करने की शुरुआत की है। इनके द्वारा इन रोगियों को प्रतिमाह गेहूं, चावल, मूंगफली, दाल, खाद्य तेल सहित पैकेट युक्त पोषण आहार भी उपलब्ध कराया जाएगा।
व्यक्तिगत रोगी को भी दे सकते हैं सहायता
कोई भी दानदाता संपूर्ण ब्लॉक या वार्ड के सभी रोगी या किसी व्यक्तिगत रोगी का चयन कर सहायता प्रदान कर सकते हैं जिसमें पोषण संबंधी, व्यवसायिक सहयोग सहित जिला प्रशासन एवं अन्य हितधारकों की परस्पर सहमति से शिक्षा के लिए भी सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
यह है पोषाहार में शामिल
योजना के तहत पोषाहार में 3 किलो गेहूं, चावल, बाजरा, 3 किलो मूंगफली, दाल तथा 1 किलो खाद्य तेल शामिल किया गया है। इसके साथ ही दानदाता यदि चाहे तो परिवार के सदस्यों को पूरक आहार भी प्रदान कर सकते हैं। दानदाता पोषण वितरण से सीधे जुड़ने की बजाय किसी एनजीओ या स्वयं सहायता समूह के साथ भी यह कार्य कर सकते हैं।

By Udaipurviews

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