चुनाव से पहले अमित शाह से क्यों मिले मेवाड़ के नेता गुलाबचंद कटारिया?

दरअसल राजस्थान के क्षत्रपों की राजनीति में उलझे मोदी और शाह को गुलाबचंद कटारिया सियासत की नई राह दिखा सकते हैं। इस वक्त वसुंधरा राजे के तेवर तल्ख दिखाई पड़ रहे हैं। कटारिया और राजे की सियासी नजदीकियों से भी वे वाकिफ हैं।

दूसरी बात यह है कि मेवाड़ की सियासत के भी अपने मायने हैं। आजादी के बाद से सर्वाधिक समय मेवाड़ का ही मुख्यमंत्री रहा है। वहीं मेवाड़ से सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी ही सत्ता तक पहुंचती है।

और सबसे अहम बात यह है कि उदयपुर मेवाड़ की सियासत का केंद्र है। कांग्रेस से राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ उदयपुर से लगभग प्रत्याशी तय हैं। उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सीपी जोशी का समर्थन हासिल है। ऐसे बीजेपी आला कमान को यह संदेश गया है कि गौरव वल्लभ के सामने बीजेपी के जिन दावेदारों का नाम चल रहा है वो कहीं टिक नहीं पाएंगे। दूसरी अहम बात यह है कि कटारिया के बिना मेवाड़ में पार्टी गुटों में बंट गई है।

बहरहाल पार्टी कटारिया को भले ही मुख्यधारा में ना लाए, लेकिन उनके राजनीतिक अनुभव का लाभ जरूर लेगी। राजनीति में कभी भी किसी की भी बाजी पलट सकती है।

By Udaipurviews

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