उदयपुर 13 जुलाई/ गुरू पुर्णिमा के पावन पर्व पर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक प्रशिक्षण महाविद्यालय की ओर से आयोजित गुरू सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि गुरू के प्रति नतमस्तक होकर कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है गुरू पुर्णिमा। गुरू के लिए पूर्णिमा से बढकर और कोई तिथि नहीं हो सकती। जो स्वयं में पूर्ण है वही तो पूर्णत्व की प्राप्ति दूसरो को करा सकता है। पूर्णिमा के चन्द्रमा की भांति जिसमे जीवन में केवल प्रकाश है, वही तो अपने शिष्यों के अंतकरण मेेें ज्ञान रूपी चंद्र की किरणें बिखेर सकता है। उन्होने कहा कि भारतीय परम्परा में गुरु को साक्षात् भगवान की उपमा दी गई है। गुरू के बिना ज्ञान अधूरा है, गुरू किसी भी उम्र का हो सकता है जिस व्यक्ति से कोई ज्ञान या अच्छी चीज प्राप्त होती है वही हमारा गुरू हेै। अन्धकार से प्रकाश की और ले जाने वाले गुरू ही होते है। गुरू के मार्गदर्शन के बिना हम समाज में रहना नहीं सीख पाते है। गुरू के बिना हम यह भी नहीं सीख पाते है कि समाज की बुराईयों को दूर करने में हम कैसे अपना योगदान दे सकते है। संस्कृत के प्रख्यात पण्डित वेदव्यास ने गुरू पूर्णिमा के दिन ही चारों वेदों की रचना की। हमारे जीवन में माँ हमारी सबसे पहली गुरू होती है। गुरू अपने शिष्यों में चेतना जागृत करने का कार्य करता है। समारोह में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, कुल प्रमुख भवर लाल गुर्जर, कामांडिंग आफिसर इन्द्र कुमार घोशाल, प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग, डॉ. पारस जैन, डॉ. रचना राठौड, डॉ. भवानी पाल सिंह राठौड, डॉ. अमी राठौड सहित सभी गुरूओं का उपरणा, माला, पगड़ी पहना कर सम्मान किया गया।
दिन भर चला गुरू सम्मान का दौर:-
कुलपति सचिवालय में देर शाम तक विद्यापीठ के सभी संघटक विभागों के कार्यकर्ता, शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत का उपरणा, माला , श्रीफल देकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच, प्रो. मंजू मांडोत, प्रो. गजेन्द्र माथुर, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ.़ भारत सिंह देवडा, भगवती लाल सेानी, डॉ. अवनीश नागर, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. प्रियंका सोनी, डॉ. तरूण श्रीमाली, डॉ. नजमुद्दीन, मुर्तजा, डॉ. दिलिप चौधरी, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. आशीष नन्दवाना, कृष्णकांत कुमावत, जितेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. रोहित कुमावत, डॉ. हरीश चौबीसा, डॉ. अमीत दवे, उमराव सिंह राणावत, डॉ. कुल शेखर व्यास, डॉ. एस.बी. नागर, लहरनाथ, प्रवीण गुर्जर, कुंजबाला शर्मा, सहित कार्यकर्ताओं ने प्रो. सारंगदेवोत का उपरणा, माला पहना कर सम्मान किया।