मेरा शहर डूंगरपुर स्वच्छता और पर्यावरण में देश मे अव्वल आने का श्रेय जैन समाज के साधु संतों को जाता है : गुप्ता

जैन संतो के आशीर्वाद के बिना देश का विश्व गुरू बनना असंभव : गुप्ता

– पर्यूषण महापर्व के तहत तपस्वियों का पारणा तथा भव्य शोभायात्रा निकाली

उदयपुर/डंूगरपुर। सकल दिगम्बर जैन समाज सवीना, उदयपुर द्वारा पर्यूषण महापर्व के तहत तपस्वियों का पारणा किया गया तथा भव्य शोभायात्रा निकाली गई।

कार्यक्रम मे पूर्व सभापति नगर परिषद एवं पूर्व ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ राजस्थान राजस्थान सरकार केके गुप्ता, पूर्व सांसद तथा एआईसीसी सदस्य रघुवीर सिंह मीणा और उदयपुर भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली का विशेष आतिथ्य रहा।

कार्यक्रम में पूर्व सभापति गुप्ता ने जैन समाज के संतो का बखान किया तथा कहा कि यह संत हमारे लिए भगवान के समान है। इनका आदर सत्कार और इन से प्रेरणा लेने वाले कभी पीछे नहीं रहते। जो साधु जीवन में अपना सब कुछ त्याग कर जनसेवा एवं समाज को संदेश देने के लिए बिना खाए पिए बिना किसी दिशा के नंगे पांव चलकर हम सब के उत्थान के लिए भ्रमण करते हैं तथा अपनी तपवाणी से हमारा कल्याण करते हैं।

– कई दिगम्बर जैन संतो की पधरामणी का साक्षी बना है डंूगरपुर

उन्होने कहा कि मैं डूंगरपुर नगर परिषद में पूर्व में 5 वर्ष सभापति रहा हमारे शहर में राष्ट्रीय क्रांतिकारी संत गुरुदेव तरुण सागर जी महाराज का सबसे पहले जब प्रवेश हुआ हमने पूरी ताकत और ऊर्जा के साथ सम्मान किया, जो आज तक किसी संत का सम्मान नहीं हुआ तथा मैं अग्रवाल समाज से होते हुए भी मैंने गुरुदेव तरुण सागर जी को अपने घर पर आहर दिया। जिसको लेकर समाज में कुछ चर्चाएं होने के बावजूद भी मैंने पूरे विधि विधान से महाराज श्री को आहार दिया तो सारे समाज में भूरी भूरी प्रशंसा की। इसके बाद पुलक सागर जी महाराज, आनंद सागर जी महाराज, सुनील सागर जी महाराज, नवरत्न सागर जी, प्रद्युम्न विमल महाराज, अभय देव सूरीश्वर जी महाराज, हेमचंद सूरीश्वर जी महाराज आदि जब जब किसी भी संत का शहर में प्रवेश हुआ। हमने उन्हें शहर में किसी भी प्रकार की समस्याएं नहीं आने दी तथा जब भी संत हमारे शहर में प्रवेश करते थे तो हम उनके आगे आगे फायर ब्रिगेड गाड़ी चलाते थे तथा पानी का छिडक़ाव सडक़ पर करते थे जिससे संत के पांव गर्म सड़क पर न पड़े न ही उन्हें चलने में दिक्कत हो।

– जैन संत के आदेश पर बनाया पक्षी घर और तीर्थंकर पार्क

गुप्ता ने बताया कि जैन संत सुनील सागर जी महाराज के मुखारविंद उसे निर्देशित किया कि शहर में पशु और पक्षियों के रहने और खाने की व्यवस्था व्यवस्थित होनी चाहिए। हमने तुरंत पक्षियों के लिए सात मंजिल की दो बिल्डिंग के बनाई। जिसमें एक बिल्डिंग में 350 पक्षियों के जोड़ें रहते हैं। इस तरह से 700 पक्षियों के जुड़े आज बिल्डिंगों में सुरक्षित रहते हैं तथा जब पुन: सुनील सागर जी महाराज से मिलना हुआ तो महाराज श्री ने कहा कि शहर में 24 तीर्थंकर की स्थापना हो और हमने तुरंत शहर में एक विशाल 24 तीर्थंकर बगीचा बनाकर उसमें 24 तीर्थंकरों की पादुका की स्थापना की तथा शहर में जब भी कोई साधु संत आता था तो हमारे शहर की स्वच्छता की तारीफ तो करता ही था साथ साथ में संत द्वारा आमजन को स्वच्छता पर्यावरण एवं शुद्ध जल हेतु सहयोग देने की बात भी उनके मुखारविंद उसे निकलती थी जिससे हमारे शहर ने जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। मंदिर के पास साधु संतों के शौच में दिक्कत आने पर बगीचे की कुछ जगह मंदिर को देकर संतो का सम्मान किया।

– जैन संतो के आर्शीवाद से मिले कई सम्मान

गुप्ता ने कहा कि मुझे जो देश विदेश तक सम्मान मिला वह मुख्य रूप से जैन साधुओं के आशीर्वाद से ही मिला है। हमारा शहर आज विश्व में स्वच्छता के नाम से जाना जाता है। वह सब कुछ जैन साधु एवं हमारे शहर के जितने भी देवालय मंदिर हैं जिनको हमने जीर्णोद्धार करके नियमित रूप से पूजा करने का कार्य करवाया उसी की बदौलत शहर को जो नई ऊर्जा मिली। इस शहर ने स्वच्छता पर्यावरण जल एवं अनेकों कार्य में सफलता प्राप्त करते करते विश्व में नाम कमाया। इस धर्म की नगरी में उपस्थित आपके समाज के शांतिलाल वेलाआवत मेरे आदर्श और मेरे मार्गदर्शक रहे हैं आप संपन्नता के उदाहरण हैं सरल हृदय हैं तथा मेरे मार्गदर्शक भी हैं। लंबे समय से आप के संपर्क में आने के बाद आपकी तपस्या एवं धर्म के प्रति आप का समर्पण मुझे वह समाज को निश्चित रूप से प्रेरणा देता है।

– तपस्वियों का बहुत-बहुत साधुवाद

गुप्ता ने कहा कि आज के शुभ अवसर शांतिलाल वेलावत, उनके पुत्र कमलेश वेलावल, दिनेश वेलावन भी एवं समस्त उपवास रखने वाले महानुभावों को भी मैं बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं तथा आपके समाज के अध्यक्ष नरेंद्रजी एवं उनकी पूरी टीम भी धन्यवाद की पात्र है। जिस इच्छा और लगन से आप लोगों ने यह कार्यक्रम आयोजित किया है। यह निश्चित रूप से हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है और विशेष रूप से मैं आप सभी का मुझे यहां बुलाने पर सम्मान देने पर तथा बोलने के लिए मौका देने पर बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। गुरुदेव श्रीशैल नंदीजी महाराज के चरणो में शत-शत नमन करता हूं। आपका आशीर्वाद सदैव हम लोगों पर बना रहे हम लोग सदैव प्रगति करें तथा गुप्ता ने कहा कि शहर में कहीं भी हम गंदगी ना डालें इस शहर को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी शहर के हर एक व्यक्ति की है यह शहर हमारा है और स्वच्छ शहर के नाम से जाना जाए इसमें हम सबकी भागीदारी होनी चाहिए।

जैन संतो के आगमन एवं इनके आशीर्वाद से केवल डूंगरपुर धरा ही पावन नही हुई अपितु डूंगरपुर देश व दुनिया मे पवित्र हुआ और स्वच्छता के नाम से जाना जाने लगा तथा राष्ट्रपति महोदय, प्रधानमंत्री महोदय, मुख्यमंत्री महोदय, कांग्रेस व भाजपा के अलावा केन्द्र के मंत्रियों से भी सम्मान प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम में पूर्व सांसद मीणा ने कहा कि समाज के इस कार्यक्रम में उपस्थित होने का मुझे मौका मिला, मैं समाज के सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं तथा मुझे बड़ा गर्व है कि मेरे बच्चे भी आज जैन समाज के विद्यालयों में शिक्षा ले रहे हैं तथा उत्कृष्ट शिक्षा उन्हें वहां मिल रही है। साधु संतों के आशीर्वाद लेने का मौका मुझे मिला यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है तथा उन्होने कहा कि पर्यावरण को लेकर जो कार्य गुप्ता जी ने किया है। हम सबको मिलकर वृक्षारोपण ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए और यह पर्यावरण सभी के लिए महत्वपूर्ण है।

श्रीमाली ने कहा कि समाज को ऐसे कार्यक्रम आयोजित करते रहना चाहिए। संतों के आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए जिन जिन महानुभाव ने उपवास किए हैं। उन सभी के लिए शुभकामनाएं प्रदान की।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!