सुख, समृद्धि, स्वास्थ धन की रक्षार्थ भगवान धन्वंतरि की करंे आराधना – प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत
उदयपुर 10 नवम्बर / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय दीपोत्सव के पहले दिन शुक्रवार को धनतेरस पर पंडित परमेश्वर चौबीसा के साधिध्य में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर द्वारा धन्वन्तरी, लक्ष्मी जी की विधि विधान से पूजा अर्चना कर देश में अमन चेन, सुख शांति की कामना की।
प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि धन्वंतरी की पूजन के साथ ही पांच दीपावली का त्यौहार शुरू हो गया है। हमारे प्राचीन पौराणिक साहित्य में वर्णित है कि देवासुर संग्राम की पृष्ठभूमि में अमृत के लिए हुए समुद्र मंथन में चौरह रत्न निकले थे, उनमें एक रत्न भगवान धन्वंतरि थे। जिनके हाथों में अमृत कलश था। इस कारण मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के आदि प्रवर्तक है। इसलिए धन्वंतरि को आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। धन्वन्तरी के ग्रंथों की पूजा एवं उनका स्मरण मात्र से ही समस्त रोगों का नाश हो जाता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत ग्रंथों के सम्पादन का कार्य तेजी से होना चाहिए पाश्चात्य विद्वान हमारे ग्रंथों का सतही ज्ञान प्राप्त कर पेटेंट करवा लेते है जबकि हमारी विरासत पर हमारा ही स्वतत्व हो। बीमारी में इलाज की अपेक्षा रोकथाम के परम्परागत और घरेलू उपायों पर जोर दिया जाना चाहिए।
इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली , डॉ. आशीष डी नंदवाना, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत, जितेन्द्र सिंह चौहान, प्रवीण गुर्जर, भगवती लाल श्रीमाली, रजनी पी., विजयलक्ष्मी सोनी, डॉ. यज्ञ आमेटा, मुर्तजा अली, उमराव सिंह, भेरूसिंह खरवड़, डॉ. भरत सुखवाल, दुर्गाशंकर, प्रताप सिंह सिसोदिया, डॉ. जयसिंह जोधा, कालु सिंह, सांवरियालाल धाकड, विकास डांगी, सहित अनेक कार्यकर्ता ने धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना की।
धन्वन्तरी, लक्ष्मी जी व ग्रंथों की विधि विधान से की पूजा अर्चना
