-‘भारत के जल संसाधन : अतीत वर्तमान एवं भविष्य’ विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी 21 से
उदयपुर, 19 सितम्बर। कल के जल के लिए आज की आवश्यकता पर मंथन करने लिए देश भर के पर्यावरणविद और जलयोद्धा अरावली की गोद में बसे उदयपुर में जुटेंगे। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में 21-21 सितम्बर को होने जा रही दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में जल संरक्षण, संवर्धन, प्रदूषण मुक्त जलस्रोत विषयों पर मंथन होगा और इसका निचोड़ सरकार को भेजा जाएगा ताकि कल के जल के लिए आज हम बेहतर प्रयास करने की योजना बना सकें।
संगोष्ठी को लेकर विद्यापीठ के कुलपति प्रो. कर्नल शिव सिंह सारंगदेवोत ने कहा कि ‘भारत के जल संसाधन : अतीत वर्तमान एवं भविष्य’ विषय पर झीलों की नगरी में हो रहे जल चिंतन में जल संरक्षण से संबंधित विभिन्न पहलुओं को लेकर चिंतन मंथन होगा। झीलों की नगरी में होने जा रही यह संगोष्ठी फलदायी साबित होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी तथा कर्मचारी जल संचयन, प्रबंधन, पौधारोपण, स्वच्छता के नियमित अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
संगोष्ठी के संयोजक विश्वविद्यालय के भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो. युवराज सिंह ने बताया कि संगोष्ठी में भारतीय विश्वविद्यालय संघ के महासचिव प्रो. पंकज मित्तल, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से प्रो. सुरेंद्र सिंह, श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर जयपुर के कुलपति प्रो. बलराज सिंह, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के पर्यावरण विषय के राष्ट्रीय संयोजक संजय स्वामी, बीकानेर से प्रो. चंद्रशेखर कच्छावा एल, नागपुर से प्रो. विजय घुगे, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक से प्रो. थंगावेल सेकर, इंद्र कुमार गुजराल पंजाब प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कपूरथला से डॉ चंद्र प्रकाश, गोरखपुर विश्वविद्यालय से डॉ अंकित सिंह छत्रसाल, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से प्रो. शाक्य, आईटीएम विश्वविद्यालय ग्वालियर से प्रो. शिव ओम सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉ. रूपेश गुप्ता आदि पर्यावरणविद, जल मित्र, जल योद्धा विचार साझा करेंगे।