उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमण संघ की ओर से सिंधी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में चल रहे चातुर्मास में श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने कहा कि भगवान महावीर ने हमें जीवन जीने और आत्मकल्याण का अद्भुत मार्ग बताया है। उस मार्ग पर चलने से हमारे अंदर कई तरह के भाव आते हैं और हमारा जीवन बदल जाता है।
उन्होंने कहा कि भाव कई तरह के होते हैं शुद्ध भाव भी होते हैं तो अशुद्ध भाव भी होते हैं। शुद्ध भाव के मार्ग पर चलने से हमारे अंदर धर्म ध्यान के भाव आते हैं। अगर हम सच्ची श्रद्धा और भक्ति से उस मार्ग का अनुसरण करें तो हमारे जीवन में निश्चित तौर पर बदलाव और परिवर्तन आ सकता है। व्यक्ति की वाणी से कुछ नहीं होता है, उसके भाव शुद्ध होने चाहिए। जीवन में जीने और जानने की जिज्ञासा होनी चाहिए। हमेशा गुरु और भगवान पर श्रद्था होनी चाहिए।
मुनीश्री ने कहा कि जीवन में कई तरह के लोग होते हैं। कोई चिंतनशील होते हैं तो कोई भी विनोदी स्वभाव के होते हैं जो अपनी बात को विनोद विनोद में ही कह जाते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं जो सुनी सुनाई बातें ही करते हैं। उनमें खुद का कोई ज्ञान नहीं होता है। मुनीश्री ने नवकार महामंत्र का महत्व बताते हुए श्रावकों से कहा कि हमेशा इसका जाप करते रहना चाहिए। जाप से जीवन में परिवर्तन आता है। जाप कोई भी कर सकता है। जाप करने से हमारा जीवन निर्माण होता है और सुख और समृद्धि प्राप्त होती हे।
वरुण मुनि जी ने कहा कि हमारे जीवन में ऐसे कई लोग मिलते हैं जिनका हम हमेंशा तिरस्कार करते हैं लेकिन यह भी सच है कि जिनका हम तिरस्कार करते हैं मुसीबत और संकट के समय में वह ही हमारे साथ खड़े होते हैं। हमारे जीवन में चरित्र निर्माण करना बहुत जरूरी है। चरित्रवान व्यक्ति का हर समय सम्मान होता है। यह याद रखना चाहिए कि आप चरित्र को छोड़ सकते हैं, लेकिन चरित्र आपको नहीं छोड़ सकता। हमेशा समय के साथ चलना चाहिए। परिवर्तन की चाहत सभी में होती है लेकिन कभी-कभी रुढ़िवादी परंपराओं के चलते परिवर्तन नहीं कर पाते हैं। लेकिन समय के साथ नहीं चलेंगे तो हम दुनिया से पिछड़ जाएंगे। जो परिवर्तन की राह पर चलते हैं उनके जीवन में हमेशा चमक रहती है। धर्म सभा का संचालन रोशन लाल जैन ने किया।
सद्मार्ग पर चलने से मन के भीतर आने वाले भाव से बदलता है जीवनः सुकनमुनि
