भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद,भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान (आईआईओआर) के निदेशक डॉ. रवि माथुर का दौरा

विद्यापीठ द्वारा भिंडर पंचायत समिति के गोद लिए गए गाँव रायला और फूसरिया में
उदयपुर  25 अक्टूबर २०२४। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर द्वारा भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान (आईआईओआर), हैदराबाद के सहयोग से गोद लिए गए गाँव रायला और फूसरिया में तिलहन फसलों के संवर्धन हेतु चलाए जा रहे एक महत्वपूर्ण परियोजना के अंतर्गत आईआईओआर के निदेशक डॉ. रवि माथुर ने आज क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने 50 स्थानीय किसानों और उनके परिवारों से मुलाकात कर तिलहन फसलों, विशेषकर  अरंडी की खेती के महत्त्व और इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार के बारे में विस्तार से चर्चा की।
इससे पूर्व कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो जी के माथुर, विश्वविद्यालय के कृषि सलाहकार प्रो. इंद्रजीत माथुर, मुख्य सहयोगी अपना संस्थान के चंद्रप्रकाश चौबीसा, परियोजना प्रभारी प्रो नारायण सिंह सोलंकी आदि के आतिथ्य में कार्यक्रम सफलतापूर्वक हुआ।
इस अवसर पर डॉ. माथुर ने बताया कि अरंडी जैसी तिलहन फसलें न केवल कृषि में विविधता लाती हैं, बल्कि ये कम समय में अधिक लाभ देने वाली फसलें भी हैं। उन्होंने बताया कि आईआईओआर की नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके किसान अपने उत्पादन को दोगुना कर सकते हैं और यह फसल क्षेत्र में एक आर्थिक क्रांति ला सकती है। डॉ. माथुर ने किसानों को इन फसलों के पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों के  साथ नई तकनीकों से अवगत कराया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कृषि सलाहकार प्रो. इंद्रजीत माथुर ने कहा कि यह परियोजना स्थानीय किसानों को लाभकारी वैकल्पिक फसल प्रणाली की ओर आकर्षित करने में मददगार साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि अरंडी जैसी नकदी फसलों को अपनाकर किसान पारंपरिक खेती से हटकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
 प्रो. सोलंकी ने वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने के फायदे समझाते हुए बताया कि कैसे सही समय पर बुवाई, खाद प्रबंधन और सिंचाई जैसी तकनीकें अपनाकर उत्पादन को दोगुना किया जा सकता है।
गौरतलब है कि यह दूसरा अवसर है जब राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय ने आईआईओआर के साथ मिलकर इस क्षेत्र में तिलहन संवर्धन के लिए एक और महत्वपूर्ण परियोजना को सफलतापूर्वक शुरू किया है। इस परियोजना को आईआईओआर और विश्वविद्यालय के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत चलाया जा रहा है।
यह दौरा क्षेत्र में तिलहन खेती को बढ़ावा देने और किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से अवगत कराने के संदर्भ में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
  कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ. सौरभ राठौड़, डॉ. कल्पना यादव, डॉ. भावना, श्री विनोद और श्री तेजपाल सिंह उपस्थित रहे।1
By Udaipurviews

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