प्रतापगढ़, 22 मार्च। निदेशक, शांति एवं अहिंसा निदेशालय जयपुर के निर्देशानुसार 23 मार्च, गुरुवार को स्वतंत्रता सैनानी शहीद भगतसिंह, राजगुरू एवं सुखदेव की स्मृति में जिला मुख्यालय पर प्रातः 7.30 बजे जिला कलक्टर परिसर में स्थित महात्मा गांधीजी की प्रतिमा पर सुतमाला अर्पित की जायेगी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेश कुमार नायक ने जारी आदेश कर बताया कि इसके बाद राजस्थान पथ परिवहन निगम बस स्टैण्ड समीप स्थित जनजाति भवन तक अहिंसा यात्रा का आयोजन किया जायेगा। उसके बाद में प्रातः 8.30 बजे सर्वधर्म प्रार्थना सभा व महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजली अर्पित की जायेगी। उन्होंने जिला स्तर व ब्लाॅक स्तर पर कार्यक्रम को सफल आयोजन को लेकर संबंधित अधिकारियों की नियुक्तियां भी की है।
महाविद्यालय प्रतापगढ़ में विद्यार्थियों के लिए परीक्षाएं
प्रतापगढ़, 22 मार्च। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बनवारीलाल मीणा ने बताया कि महाविद्यालय के भूगोल विषय के सहायक आचार्य रविप्रकाश व विकास डूंगरवाल के अनुसार महाविद्यालय के सभी नियमित विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि बी.ए. (स्नातक) प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष भूगोल की प्रायोगिक परीक्षाएं बी.ए. प्रथम वर्ष की दिनांक 4 व 5 अप्रैल 2023, बी.ए. द्वितीय वर्ष की दिनांक 28 व 29 मार्च 2023 एवं तृतीय वर्ष की परीक्षाएं दिनांक 31 मार्च 2023 व एक अप्रैल 2023 को सम्पन्न होगी।
सभी विद्यार्थियों के रोल नम्बर, बैच नम्बर तथा परीक्षा समय की विस्तृत सूचना जल्द ही महाविद्यालय के सूचना पट्ट पर चस्पा कर दी जायेगी। सभी विद्यार्थी अपनी संबंधित कक्षा की प्रायोगिक परीक्षा तिथि से पूर्व स्वयं के रोल नम्बर, बैच नम्बर एवं परीक्षा समय की सूचना महाविद्यालय के सूचना पट्ट से प्राप्त करें।
राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष शिविर शुरू
प्रतापगढ़, 22 मार्च। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रतापगढ़ में बुधवार को राष्ट्रीय सेवा योजना की तीनो इकाईयों का सात दिवसीय विशेष शिविर प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती और स्वामी विवेकानन्द जी के माल्यार्पण एवं द्विप प्रज्वलन के साथ हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. सौरिन्द्र मोहन राॅय एवं विशिष्ट अतिथि कन्या महाविद्यालय के प्रो. विरेन्द्र चंदेला, प्रो. नरेन्द्र और प्रो. विद्या कुंवर भाटी रहें। जबकि अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बनवारी लाल मीणा ने की। कार्यक्रम में स्वयं सेवकों को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम अधिकारी प्रो. गोपाल सालवी ने सात दिवसीय शिविर की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रो. नरेन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में स्वयं सेवको को पूर्ण निष्ठा से गोद लिये गये गांवों में कार्य करने क निर्देश दिये। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. बनवारी लाल मीणा ने राष्ट्रीय सेवा योजना के मुख्य ध्येय वाक्य नोट मी बट यू का महत्व समझाते हुए स्वयं सेवकों को अपने जीवन में समाज सेवा के विचार को अपनाने पर बल दिया।
कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी प्रो. कन्हैया चांवला, अनूप कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रो. अजय कुमार, प्रो. ममता सिसोदिया, प्रो. हेमराज, प्रो. संजीवन उपस्थित रहे।
इंदिरा महिला शक्ति उद्यम और उडान योजना ने दी जीवन को नई दिशा
प्रतापगढ़, 22 मार्च। संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा विगत चार वर्षो में हर वर्ग की समस्याओं के समाधान और हर क्षेत्र के विकास के लिए छोटे-से लेकर बड़े स्तर तक के प्रभावी निर्णय लेते हुए धरातल पर उसका ठोस कियान्वयन सुनिश्चित किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए ऐसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिनसे महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य से लेकर आर्थिक संबंल तक प्राप्त हुआ है। प्रतापगढ़ जिले में महिला अधिकारिता विभाग के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही आई. एम. शक्ति उड़ान योजना एवं इन्दिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के प्रभावी संचालन से जिले की अनेक महिलाएं न केवल लाभान्वित हुई है वरन् इन योजनाओं के माध्यम से हुए आर्थिक एवं सामाजिक संबंलन से उनमें नया आत्मविश्वास सहज ही देखा जा सकता है।
उडान से आया आत्मविश्वास
महिलाओं को आर्थिक सहयोग प्रदान करने और स्वास्थ्य के लिए जागरूक करने के तो बहुत प्रयास हो रहें है परंतु पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने महिलाओं को प्रतिमाह सहने करने वाले एक दर्द और उन दिनों से गुजरने वाली कठिन परिस्थितियों के बारे में संवेदनशीलता से ऐसा कार्य किया कि आज हर गरीब महिला और बालिका भी अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुई है और महावारी के दिनों में स्वच्छता रखने और सेनेटरी नेपकिन के बारे में जानने, समझने और उसका उपयोग करने लगी है।
यह कहना है जिला प्रतापगढ़ की पंचायत समिति सुहागपुरा उपखण्ड पीपलखूंट निवासी अडतीस वर्षीय प्रेम कुंवर राठौड़ का। प्रेमकुंवर कहती है कि ‘‘हम महिलाएं पहले के समय में महावारी के बारे में किसी से बात करना भी सही नही समझती थी। माहवारी के समय स्वच्छता नही रखने से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी नही होने से अधिकतर महिलाएं अनेक तरह की बीमारियों से जुझती थी परंतु झिझकवश इनका किसी से जिक्र नही करती थी। उस समय सेनेटरी नेपकीन का इतना प्रचलन भी नही था विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में और किसी महिला को मालूम भी हो तब भी अधिकतर आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण मंहगें सेनेटरी नेपकिन खरीदना संभव नहीं था। ऐसे में मजबूरी में हमें महावारी के समय साधारण कपड़ों का ही उपयोग करना पड़ता था। इसके अलावा भी कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक पीड़ा से भी गुजरना पड़ता था। जैसे माहवारी के दिनों में कपड़े खराब ना हो ऐसी समस्याओं से बचाव के लिए हमें ना चाहते हुए भी सबसे अलग बैठना होता था। ऐसी छोटी-बड़ी समस्याओं के कारण बड़ी झिझक भी महसूस होती थी और किसी से बात करने में घबराहट होती थी।