उदयपुर। राजस्थान की सांस्कृतिक नगरी उदयपुर में संगीत संग्रहालय की स्थापना की मांग को लेकर सुरों की मंडली ने राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू को पत्र लिखकर संगीत संग्रहालय की स्थापना की मांग की है।
सुरों की मंडली के संस्थापक मुकेश माधवानी ने यह पत्र लिखा है। पत्र में उदयपुर की समृद्ध लोक कला, लोक संगीत और आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से सहयोग की अपील की है।
मुकेश माधवानी ने बताया कि उदयपुर केवल झीलों और महलों का शहर नहीं है, यह संगीत और कला की एक जीवंत आत्मा है। हमारे यहाँ की आदिवासी परम्पराओं और लोकगीतों में एक ऐसी गहराई है जिसे संरक्षित करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। इसी को लेकर हमारा प्रयास है कि उदयपुर में भव्य संगीत संग्रहालय की स्थापना हो। उन्होंने राज्य सरकार से भी मांग की है कि सरकार भूमि या भवन इस कार्य हेतु उपलब्ध करवाया जाए।
पत्र में राष्ट्रपति महोदया से निवेदन किया गया है कि वे केंद्र और राज्य सरकार को उदयपुर में एक भव्य संगीत संग्रहालय की स्थापना हेतु निर्देशित करें।
मुकेश माधवानी ने कहा कि सुरों की मंडली का सपना है कि यह संग्रहालय सिर्फ एक इमारत न हो, बल्कि एक ऐसा जीवंत केंद्र बने जहाँ संगीत की शिक्षा भी दी जाए।
सुरों की मंडली ने संग्रहालय में निःशुल्क संगीत कक्षाएं आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा है, ताकि युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अवसर मिल सके।
सुरों की मंडली ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे सरकार को इस संबंध में निर्देशित करें। जिससे कि कोई भवन या भूमि उपलब्ध हो और वहां अपने स्तर पर इस संग्रहालय की स्थापना और संचालन का कार्य कर सकें।