इसी अवसर पर संस्थान के सचिव राजीव सुराणा ने बताया कि गुरु शिष्य का रिश्ता प्राचीनकाल से ही चलता आ रहा है और यह आज भी कायम है l
जिस प्रकार एक भवन का निर्माण नींव की ईंट से होता है उसी प्रकार विद्यार्थियो के सफल भविष्य का निर्माता शिक्षक होता है, इसके बारे में संस्थान की अध्यक्षा श्रीमती कमला सुराणा ने बताया ।
विद्यार्थियों द्वारा सभी शिक्षकों का स्वागत किया गया जिनमे भूपेश परमार, राहुल लोढ़ा, प्रणय जैन जितेंद्र मेनारिया, ध्रुव टांक, हेमन्त बाबेल, शैलेंद्र चारण, ज्योति जैन,हर्षिल कुमावत, नरेन्द्र दुबे,विपिन सरोहा ,मानवेन्द्र सिंह,आर.एस.देवड़ा,चंद्र प्रकाश प्रजापत, मनोज कुमार कलोरिया आदि उपस्थित रहे।
सभी विद्यार्थियों सहित खुशबू दाधीच, कार्तिक वैष्णव, तनिषा टेलर, यशोदा भाटी, गर्वित जैन, पूर्वित जैन,निखिल सोनरियत, कमल मेघवाल, दर्शन रावल आदि ने शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना को व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान रविन्द्र सैनी,मीनल शर्मा, हर्षिता चौहान, गिरजा सालवी, दीपक द्विवेदी, निर्मल मेघवाल
धनवंती सोलंकी,प्रीति जैन, प्रेम पटेल आदि सदस्यों की भी सहभागिता रही।
कार्यक्रम का संचालन धीरज चौबीसा एवं प्रीति भोई ने किया।
