जो अपने पास है, वही श्रेष्ठ : प्रशान्त अग्रवाल

उदयपुर, 9 जून। सकारात्मक सोच से व्यक्तित्व निखरता है, जब कि नकारात्मकता उसे असफलता की ओर धकेलती है। हमें समस्याओं को इस प्रकार सुलझाने का प्रयास करना चाहिए कि वे समाधान को पा सकें। कभी-कभी हमारा तरीका ऐसा होता है कि समस्याएं सुलझने की बजाय एक जाल बनकर हमें ही जकड़ लेती हैं।
यह बात नारायण सेवा संस्थान में त्रिदिवसीय ‘अपनों से अपनी बात’ कार्यक्रम के समापन पर संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कही। उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों की संगत से बचना चाहिए जो अपनी नकारात्मक सोच थोपकर हमारा मनोबल कमजोर करते हैं। जीवन भी एक पाठशाला की तरह है, जहां से हमें अनुभव हासिल होता है, अपना कार्य सभी अच्छे ही परिणाम वाला ही समझ कर करते हैं, फिर भी किसी चूक वश वह बिगड़ जाए तो अनुभव ही मिलता है, जो आगे काम आता है। स्वर्ग और नरक कुछ नहीं होता क्योंकि जीवन का अनुभव तो सबके पास है लेकिन मरने के बाद अनुभव किसके पास होता है। अतएव जीवन को ही स्वर्ग बनाए, दूसरों की सेवा को कर्तव्य बनाएं, परिवार में प्रेम,शांति और आनंद का वातावरण बना रहे, खुशी-खुशी जीवन जीएं, यही स्वर्ग है।
कभी किसी पर क्रोध न करें, प्रेम से आप सबका मन जीत सकते हैं, क्रोध से स्वयं का ही नुकसान होगा। जो हमारे पास है वही श्रेष्ठ है, उसी में संतोष करें, ईश्वर में श्रद्धा- विश्वास रखो कभी अहित नहीं होगा।
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र – अकोला से अक्षय देशमुख, कीर्ति कुमारी, बिहार से देवांश, चित्तौड़गढ़ से विजय कुमार ओड, अयोध्या से शिवांश, हरियाणा -हिसार से शर्मिला, प्रिंस, यूपी से शिवा कुमार और दिल्ली से सुधीर ने अपने साथ हुए हादसों व उसके बाद की समस्याओं और समाधान पर विचार साझा किए। कार्यक्रम का ‘आस्था चैनल’ के माध्यम से देशभर में प्रसारण हुआ।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!