उदयपुर। राहुल पिता रमेश, निवासी लोहारी, कोटड़ा, माता पिता दोनों की मृत्यु हो गई, बच्चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं था, दो समय के भोजन की भी व्यवस्था नहीं होने से मजबूरीवश बालश्रम के लिए गुजरात जाना पड़ा, राहुल पढ़ना चाहता है लेकिन कोई कागजात नहीं बने होने से स्कूल में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है, यह कारण भी इसको बालश्रम की और धकेल रहा था, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रेलवे ट्रेनिंग उदयपुर के शिक्षक दुर्गाराम मुवाल को जब इस बच्चे की सूचना मिली तो दुर्गाराम और कुणाल चौधरी इस बच्चे को गुजरात लेने गए, जब दुर्गाराम एवं कुणाल राहुल से मिले तो इनके कदम एका एक रुक गए क्योंकि जहां सरकार नशा मुक्ति अभियान चलाती हैं, युवाओं को नशे से दूर रहने का बोला जाता है, नशे के खिलाफ रैलियां आयोजित की जाती है वहीं 11 वर्षीय अबोध राहुल हिम्मत नगर से आगे हम्मीरगढ़ में तम्बाकू के खेत में तम्बाकू के पते तोड़ते हुए मिला, जब दुर्गाराम एवं कुणाल इस बच्चे से मिले और इसको आगे पढ़ने के बारे में पूछा तो राहुल ने बोला की मैं पढ़ना चाहता हूं लेकिन मेरे माता पिता नहीं होने से मेरा स्कूल में प्रवेश नहीं हो पाया, मैं पढ़ लिख कर मेरे जैसे बच्चों के लिए कुछ करना चाहता हूं, आप मेरा स्कूल में दाखिला करवा दो, मैं इस उम्र में मजदूरी करके अपना जीवन समाप्त नहीं करना चाहता, तम्बाकू के खेतों में काम करते हुए मुझे बहुत घबराहट होती हैं लेकिन पेट भरने की मजबूरी है, उसी समय दुर्गाराम मुवाल और कुणाल चौधरी राहुल को लेकर कोटड़ा आए और रात ज्यादा होने से राहुल को कोटड़ा ही रखा, दुर्गाराम अपने साथी कुणाल के साथ रात को ही उदयपुर आए, अगले दिन लोहारी की आशा सहयोगिनी लीला खैर राहुल को लेकर उदयपुर आई, जहां दुर्गाराम एवं कुणाल ने राहुल की रहने एवं शिक्षा की जिम्मेदारी लेकर इसके अभिभावक बनें एवं इसका आवासीय विद्यालय में कक्षा छ: में प्रवेश करवाया जहां राहुल शिक्षा प्राप्त कर अपने सपने पूरे कर सकेगा।
अनाथ बच्चे को बालश्रम से मुक्त करवा कर शिक्षक दुर्गाराम व कुणाल चौधरी ने शिक्षा से जोड़ा
