उदयपुर। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक, माननीय गुलाब चंद कटारिया को उदयपुर में संगीत संग्रहालय की स्थापना और उसके लिए सरकारी भवन या भूमि के आवंटन हेतु उदयपुर की संगीत प्रमियों की संस्था सुरों की मंडली ने प्रार्थना पत्र दिया है।
सुरों की मंडली के संस्थापक मुकेश माधवानी ने सोमवार को गुलाबचंद कटारिया से मुलाकात कर उन्हें प्रार्थना पत्र सौंपा।
इस पर गुलाबंचद कटारिया ने सकारात्मक प्रतिकिया देते हुए सुरों की मंडली की प्रयासों की सराहना करते हुए इसे पर्यटन और सांस्कृतिक समृद्धता के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने इस संबंध में सहयोग का आश्वासन दिया है ।
मुकेश माधवानी की ओर से सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि उदयपुर संस्कृति, परंपरा और विशेष रूप से लोक कला, लोक संगीत और आदिवासी संस्कृति का एक जीवंत केंद्र भी है। अरावली की तलहटी में बसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में संगीत की एक अनूठी विरासत है, जिसमें विशिष्ट लोकगीत, नृत्य शैलियाँ और वाद्य यंत्र शामिल हैं। इसी को लेकर सुरों की मंडली एक संग्रहालय की स्थापना करना चाहती है, जहां पर संगीत से जुड़े यत्रों की प्रदर्शनी हो। साथ ही लोगों को संगीत की शिक्षा भी दी जा सके।
संगीत संग्रहालय का प्रस्ताव में लिखे यह बिन्दू
मुकेश माधवानी ने राज्यपाल से केंद्र और राज्य सरकार को उदयपुर में एक भव्य और अद्वितीय संगीत संग्रहालय की स्थापना के लिए निर्देशित करने का आग्रह किया है। संगीत संग्रहालय में जिन विषयों को शामिन किया गया है, वे इस प्रकार है।
1. संगीत वाद्ययंत्रों की जीवंत प्रदर्शनी:दुर्लभ और पारंपरिक वाद्ययंत्रों, खासकर रावणहत्था, अलगोजा, खड़ताल, मोरचंग जैसे लोक वाद्ययंत्रों को प्रमुखता से प्रदर्शित करना।
2. निःशुल्क संगीत कक्षाएँ: बच्चों और युवाओं सहित सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए पारंपरिक और शास्त्रीय संगीत की निःशुल्क कक्षाएँ आयोजित करना।
3. कलाकारों के लिए समर्पित मंच: स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के संगीत कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए एक गरिमापूर्ण मंच प्रदान करना।
4. अनुसंधान एवं प्रलेखन केंद्र: संगीत परंपराओं, लोकगीतों और वाद्ययंत्रों पर गहन शोध के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र स्थापित करना, ताकि लुप्त होती शैलियों का प्रलेखन हो सके।
5. नियमित सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्सव: नियमित रूप से संगीतमय शामें, लोक कला प्रदर्शन और सांस्कृतिक उत्सव आयोजित करना, जिससे यह एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र और पर्यटकों का आकर्षण बन सके