उदयपुर, झील प्रेमियों ने नाई, बुझड़ा क्षेत्र में नदी में गिरते गंदे नालो व भारी मात्रा में कचरे विसर्जन के समाधान की मांग की है। रविवार को आयोजित नदी यात्रा में झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता ने कहा कि मोटे अनुमान के अनुसार इन क्षेत्रों से प्रतिदिन आठ से दस लाख लीटर गंदा पानी नदी में समा रहा है। भारी मात्रा में प्लास्टिक, पॉलीथिन नदी में पंहुच रहा है।
झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि गंदगी बहकर पिछोला में पंहुच रही है।पेयजल की झील में गंदगी का मिलना झील स्वास्थ्य व नागरिक स्वास्थ्य के लिए घातक है। गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा ने कहा कि नदी को स्वच्छ रखना बहुत जरूरी है ताकि उसका पर्यावरण तंत्र असंतुलित नही हो व भूजल की शुद्धता भी बनी रहे। अभिनव संस्थान के कुशल रावल ने कहा कि प्रशासन को इन क्षेत्रों में सीवरेज लाइन बिछा कर छोटे एस टी पी बनाने चाहिए द्रुपद सिंह व रमेश चंद्र राजपूत ने कहा कि प्रन्यास, निगम व पंचायत को इन क्षेत्रों में घर घर कचरा संग्रहण व्यवस्था प्रारम्भ करनी चाहिए।