*जरूरतमंद और पीड़ित बच्चों का संरक्षण हम सभी की प्राथमिकता-एसपी बंसल*
प्रतापगढ़, 25 अप्रेल। उदयपुर रेंज पुलिस द्वारा रेंज स्तर पर संचालित पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम के तहत प्रतापगढ़ जिले में किशोर न्याय (बालको की देखरख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत गठित विशेष किशोर पुलिस इकाई/थाना स्तर पर नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों की त्रैमासिक समीक्षा बैठक शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में आयोजित हुई। पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल ने कहा कि जरूरतमंद और पीड़ित बच्चों का संरक्षण हम सभी की प्राथमिकता है और बच्चों से जुड़े मामलों में हमें संवेदनशील रहते हुए उन्हें सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है। उन्होंने हाल ही में एक प्रकरण में पुलिस की तत्परता और कार्यवाही का उदाहरण देते हुए कहा कि एक विमादित बालिका जो अपने अभिभावक और घर का पता बताने में असमर्थ थी, जिस पर तीन थानों की पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए महज 3 से 4 घंटों में उसे अपने परिवार से मिलवा दिया। इसे देखकर लगता है कि प्रतापगढ़ प्रशासन बच्चों की सुरक्षा और उनके सुखद भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बलवीर सिंह ने सभी पुलिस थानों पर बाल हेल्प डेस्क का महत्व बताते हुए इसे अपडेट करने और बालकों से जुड़े सभी रजिस्टर और फाइलों का उचित संधारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम टीम द्वारा दी गई बच्चों से जुड़े प्रकरणों की समस्त जानकारी का अध्ययन करने और समस्त प्रपत्रों की एक फाइल बनाकर अपने पास रखने की बात कही। वही बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए ऐसे बच्चों से चर्चा करने, उन्हें बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करने ओर कार्रवाई करने के दौरान बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न अधिनियम और प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करने की बात कही।
बैठक में जिले में किशोर न्याय अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पुलिस थानों पर नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों के साथ थाना स्तर पर बालकों से संबंधित मामलों में नए अधिनियम, बाल नशावृति व भिक्षावृति के विरूद्ध थाना स्तरीय अभियानों तथा साइबर क्राइम पर जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से बाल संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की गई।
एएसपी ने बाल सुरक्षा कानून तथा बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों की प्रभावी रोकथाम, थाना स्तर पर बाल कल्याण अधिकारी/जिला स्तर पर विशेष किशोर इकाई द्वारा की जा रही गतिविधियों, गुमशुदा व अपहृत बच्चों, बाल तस्करी रोकथाम के लिए की गई कार्यवाही एवं इस दिशा में जारी गतिविधियों के बारे में चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस अवसर पर यूनिसेफ की संभागीय बाल संरक्षण सलाहकार श्रीमती सिंधु बिनुजीत ने रेंज स्तर पर संचालित पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम की जानकारी दी और पीपीटी के माध्यम से बाल अधिकारों और संबंधित अधिनियमों व बच्चों से जुड़े प्रकरणों से संबंधित विभिन्न प्रपत्रों के बारे में जानकारी देते हुए बच्चों के भविष्य पर प्रभाव डालने वाली बाल विवाह, बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम जैसी कुरीतियों के साथ साइबर क्राइम और ऑनलाईन अपराधों के बारे में बताते हुए इससे बचने के उपाय भी बताए और आज की युवा पीढ़ी को जागरूक करने की बात कही। बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मुकेश नागदा ने समिति के समक्ष आने वाले मामलों में की गई कार्रवाई के बारे में अवगत कराया और हाल ही में पुलिस और प्रशासन के सहयोग से एक जरूरतमंद और विशेषयोग्य बालिका की सहायतार्थ की गई कार्रवाई के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
इस अवसर पर बाल कल्याण समिति व जेजे बोर्ड के सदस्यगण, समस्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, चाइल्ड लाइन की सुनीता, गायत्री सेवा संस्थान की पूजा सहित बाल संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, कार्यक्रम टीम के दिलीप सालवी, सुनील व्यास सहित लगभग 50 जने मौजूद रहे।