फतहनगर। ईंटाली बालाजी गोधाम गौशाला में चल रही भागवत कथा महापुराण के तीसरे दिन शनिवार को कथा प्रवक्ता अनुजदास महाराज ने बताया कि राजा के राज्य में तीन चीज निःशुल्क होनी चाहिए यथा स्वास्थ्य, न्याय और शिक्षा। राजा परीक्षित भी बहुत ही दयावान और संस्कारवादी राजा थे और अपने पूर्वजों की गलती के कारण अपराध धारण कर लिया और यह सब अपराध राजा को छोटी कमाई से बने हुए मुकुट पहने से हुआ। वह ईमानदारी से नहीं बनाया गया। जब राजा परीक्षित ने अपना मुकुट उतारा और अपनी गलती का प्रायश्चित हुआ तब कहा कि मैंने बड़ी भारी गलती की है। महाराज ने यह भी बताया कि वर्तमान में चल रहे कलयुग कलिकाल में फंसकर जो बुरे कामों में लग रहे हैं वह अपनी बर्बादी का कारण बन रहे हैं। कलिकाल के दुष्प्रभाव से जो कमाया हुआ धन आता है तो वह व्यक्ति को बर्बाद कर देता है। चटनी रोटी खा लेना मगर बेईमानी से धन कमाया तो कमाया गया धन बीमारी का कारण होगा और उनके घर में गूंगे व अपाहिज बच्चे पैदा होगें। उन्होने कहा कि माता-पिता की कमजोरी और संस्कारों की कमी के चलते लव जिहाद हो रहे हैं। 18 वर्ष की आयु तक बच्चे अपने मां-बाप के घर बड़े हो रहे हैं,मगर संस्कारों की कमी के चलते मां-बाप की पगड़ी उछाल रहे हैं। भारत को गौ माता की हत्या का कलंक है। उसके निवारण के लिए प्रत्येक सनातनी को अपने घर में एक-एक गौ माता पाल कर सेवा करनी होगी तभी भारत हिंदू राष्ट्र बन सकेगा और हिंदू राष्ट्र का निर्माण होगा। कथा के दौरान शिव पार्वती विवाह को झांकी के माध्यम से दर्शाया गया। भामाशाहों का सम्मान किया गया जिसमें लक्ष्मी लाल दीपावत नवानिया की ओर से मृत पशुओं को ले जाने के लिए गो रथ के वास्ते 51000 की राशि भेंट की गई। बीमार गौ माता को उठाने के लिए लिफ्ट मशीन की कीमत 31000 रुपए है उसे तीन भामाशाहों ने मिलकर भेंट की जिनमें गुड्डू जनवा अरनेड,परसराम जनवा पिताजी का खेड़ा व शंकरलाल जनवा सारंगपुरा को सम्मानित किया गया। कथा स्थल पर बड़ी संख्या में आसपास के गांव से कथा का रसपान करने श्रद्धालु आ रहे हैं।
श्रीमद् भागवत कथाः बेईमानी से कमाया धन बीमारी का कारण है तो संस्कारों की कमी से लव जिहाद पनप रहा
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