– रस्सी कूद, पोश-अम्बा, खो-खो, कंचे, चंगा-बित्ती, कंकड़, एक्की-बिक्की जैसे पुराने खेलों को खेलकर किया पुनर्जीवित
– किसी ने सौ वर्ष पुराना हार पहना, तो किसी ने अपनी दादी का पुराना लहंगा धारण कर किया रैंप वॉक
– साठ और सत्तर के दशक की सुनहरी यादों याद कर रोमांचित हुई सदस्याएं
उदयपुर, 28 अक्टूबर। रोटरी क्लब उदयपुर मीरा की ओर से ‘दीपोत्सव – यादों के झरोखों से’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें साठ और सत्तर के दशक की सुनहरी यादों को अत्यंत सुंदरता से पिरोया गया।
अध्यक्ष डॉ रेखा सोनी ने बताया कि इस अवसर पर सभी सदस्यों ने अपनी पुरानी साडिय़ाँ, दुपट्टे और आभूषण धारण किए। जो उन्हें उनकी सास, नानी, दादी या किसी प्रिय रिश्तेदार से उपहार स्वरूप प्राप्त हुए थे। कार्यक्रम के अंतर्गत किसी ने सौ वर्ष पुराना हार (नेकलेस) पहना, तो किसी ने अपनी दादी द्वारा माँ को दिया गया सौ वर्ष पुराना लहंगा धारण कर रैंप वॉक किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय की मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. गायत्री तिवारी, चेयरपर्सन श्रद्धा गट्टानी के माल्यार्पण से हुआ।
सचिव कविता बल्दवा इन खेलों से यह संदेश दिया कि डिजिटल लत से दूर रहकर भी रिश्तों की गर्माहट और सुकून को पारिवारिक खेलों के माध्यम से फिर से पाया जा सकता है। रोटेरियन मंजुला गेलड़ा ने रस्सीकूद, पोश-अम्बा, खो-खो, कंचे, चंगा-बित्ती, कंकड़, एक्की-बिक्की जैसे पुराने खेलों को पुनर्जीवित करते सभी सदस्यों को खेल खिलाया। इन विरासतों को सहेजते हुए सभी ने यह संदेश दिया कि वैश्विक तापवृद्धि के इस दौर में हमें नए कपड़ों की अनावश्यक खरीद से बचना चाहिए। प्रतिवर्ष 96 हज़ार करोड़ किलोग्राम वस्त्रों का कचरा उत्पन्न होता है, क्योंकि आज मरम्मत संस्कृति और सिलाई संस्कृति समाप्त होती जा रही है। पुरानी वस्तुओं में जीवन होता है – उन्हें सहेजना और पुन: उपयोग करना ही सच्चा पर्यावरण संरक्षण है।
संपूर्णता का वास्तविक अर्थ वहीं है जहाँ हर कदम पर यादें चमकती हैं, और हर मुस्कान में रिश्तों की गर्माहट महकती है। कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपादित करने में श्रद्धा गट्टानी, सुषमा कुमावत का विशेष योगदान रहा। क्लब सचिव कविता बल्दवा ने मुख्य अतिथि डॉ. गायत्री तिवारी के प्रति आभार व्यक्त किया तथा सभी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में हर्षा कुमावत, कुसुम मेहता, मोनिका सिंगटवाडिया, संगीता मुंद्रा, मंजुला गेलड़ा , स्नेहा शर्मा, रतन पामेचा, शीतल मलिक, कशिश इसरानी, सविता माथुर, कृष्णा सुहालका,साधना कोठारी, उर्मिला जैन, प्रियंका कोठारी,कुकु लिखारी,पुष्पा कोठारी अर्चना व्यास, मंजु सिंघवी सहित सभी सदस्याओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। शब्दों द्वारा स्वागत अध्यक्षा डॉ. रेखा सोनी ने किया। आभार सचिव कविता बल्दवा ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सुन्दर संचालन विजयलक्ष्मी गलूंडिया ने किया।
निर्णायक मीरा मजूमदार एवं कार्यक्रम संयोजक दीपमाला मेवाड़ा ने इस आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसा सुकून, संपूर्णता और भावनाओं से भरा आयोजन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह कार्यक्रम हर दिल को छू गया। कार्यक्रम के अंत में स्वादिष्ट रात्रि भोज का विशेष आकर्षण था। मक्की की राब की जिसकी भीनी-भीनी खुशबू ने सबके मन को मोह लिया। इसे सूप की जगह परोसा गया, जिससे राजस्थानी परंपरा की गरमाहट और अपनापन चारों ओर फैल गया। जिसमें संपूर्णता और सुकून का अद्भुत संगम देखने को मिला।
रोटरी क्लब उदयपुर मीरा का ‘यादों के झरोखों से’ दीपोत्सव स्नेह मिलन समारोह सम्पन्न
