कृषि विज्ञान केन्द्रों के कामकाज की  समीक्षा बैठक 12 से

  • जुटेेंगे देशभर से 150 से ज्यादा कृषि वैज्ञानिक
  • विकसित भारत के संकल्प को लगेंगे पंख
  • देशभर के किसानों के लिये तय होंगे कार्यक्रम
उदयपुर, 11 नवम्बर। राजस्थन, हरियाणा और दिल्ली प्रदेशों में कार्यरत कुल 67 कृषि विज्ञान केन्द्रों के कामकाज की गहन समीक्षा और विकसित भारत के संकल्प को रेखांकित देश के कृषि संसार की आगामी दशा व दिशा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय वार्षिक जोनल कार्यशाला बुधवार प्रातः 09.00 बजे से प्रसार शिक्षा निदेशालय के प्रज्ञा सभागार में आरम्भ होगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्-अटारी, जोन-2, जोधपुर एवं महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यशाला में देशभर से 150 से ज्यादा ख्यातिनाम कृषि वैज्ञानिक – अधिकारी भाग ले रहे हैं। गतवर्ष यह महत्वपूर्ण आयोजन हिसार (हरियाणा) में हुआ था।
निदेशक, आईसीएआर-अटारी, जोन-2 (कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान), जोधपुर डाॅ. जे.पी मिश्रा एवं निदेशक प्रसार शिक्षा, एमपीयूएटी डाॅ. आर.एल. सोनी ने मंगलवार को यहां संयुक्त वक्तव्य में बताया कि कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर), नई दिल्ली के उपमहानिदेशक (प्रसार शिक्षा) डाॅ. राजबीर सिंह होंगे। अध्यक्षता कुलगुरू, एमपीयूएटी डाॅ. प्रताप सिंह करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में बंगाल राज्य में स्थित विधानचन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाॅ. एम.एम. अधिकारी, सहायक महानिदेशक आईसीएआर डाॅ. रंजय कुमार सिंह, निदेशक राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान केन्द्र, करनाल डाॅ. धीर सिंह, भारतीय सरसों अनुसंधान केन्द्र, भरतपुर के निदेशक डाॅ. वी.बी. सिंह होंगे।
नई रणनीति व नये कार्यक्रम होंगे तय: डाॅ. मिश्रा
निदेशक अटारी, जोन-2 डाॅ. मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में देशभर में कल 731 कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यरत हैं। जोन-2 में आने वाले राज्य राजस्थान (44), हरियाणा (22) एवं दिल्ली (01) कृषि विज्ञान केन्द्र को मिलाते हुये कुल 67 केवीके के कार्यों की वार्षिक समीक्षा की जायेगी। साथ ही देशभर के किसानों को नई दिशा एवं दशा पर गहन बौद्धिक मंथन करते हुए नई रणनीति व नये कार्यक्रम सुनिश्चित करते हुए उन्हें साकार रूप में लाने का संकल्प लिया जायेगा। कार्यशाला ध्येय किसानों को फसलोत्पादन, उत्पादकता बढ़ाने, लागत घटाने, पर्यावरण अनुकूल खेती, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है। कार्यशाला में इस जोन के सभी विश्वविद्यालयों के प्रसार शिक्षा निदेशक भी भाग लेंगे। इनमें चैधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के डाॅ. बलवन्त मेहता, श्री केशवानन्द कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर डाॅ. दीपाली धवन, श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के डाॅ. आर.ए. शर्मा, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के डाॅ. जे.आर. वर्मा आदि भी उपस्थित रहेंगे। ये सभी केवीके अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिकों को नवाचार के साथ-साथ ऐसे गुर भी सिखायेंगे ताकि विकसित भारत के संकल्प को साकार रूप दिया जा सके। कार्यक्रम में एमपीयूएटी के एस.ओ.सी. मेम्बर डाॅ. अरविन्द वर्मा, डाॅ. लोकेश गुप्ता, डाॅ. धृति सोलंकी, डाॅ. मनोज महला, डाॅ. राम हरि मीणा एवं डाॅ. सुनील जोशी आदि भी अपने विचार रखेंगें
By Udaipurviews

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