वंचित वर्ग को देश की मुख्यधारा में जोड़ने का जिम्मा समाज कार्य विधार्थियों का – प्रो. सारंगदेवोत

’’समाज कार्य शिक्षण में फील्डवर्क की भूमिका’’ विषय पर
एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला
फिल्ड वर्क: समाज कार्य शिक्षा की आत्मा – द्विवेदी

उदयपुर 15 नवम्बर / वर्तमान समय में भारत मे समाज कार्य व्यवसाय तेजी से उभरता हुआ रोजगारपरक पाठयक्रम हैं। समाज कार्य व्यवसाय के विद्यार्थियों की भाग विभिन्न उद्योगों में मानव संसाधन विभाग में  गैर-सरकारी , सरकारी संगठन तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में और विभिन्न सामाजिक व ग्रामीण विकास की परियोजनाओं में बढ़ी हैं। इसके पीछे मुख्य कारण समाज कार्य शिक्षण पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ नियमित फील्ड वर्क होना हैं। फिल्डवर्क समाज कार्य शिक्षा की आत्मा हैं उक्त विचार अल्ट्राटेक सिद्धी सिमेंट के असिसटेंट वाइस प्रसीडेंट तथा कार्यकारी प्रबंधक योगेश द्विवेदी ने जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक उदयपुर स्कूल अॅाफ सोशल वर्क की ओर से ’’समाज कार्य शिक्षण में फील्डवर्क की भूमिका’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय आॅनलाईन  राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में कही। उन्हांनेे कहा कि भारत के विकास में समाज कार्य के विद्यार्थी आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में अपनी सेवाएं पेशेवर सामाजिक कार्यकर्ता के रूप मे देते हैं। समाज कार्य के विद्यार्थियों में यह पेशेवर दक्षताएं तथा तकनीक समाज कार्य के दो वर्षीय पाठ्यक्रम के दौरान किए जाने वाले फील्ड वर्क से विकसित की जाती हैं।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि समाज कार्य के विधार्थी अपने केरियर की शुरूआत गांवों से करे, आज भी लाखों व्यक्ति जागरूकता के अभाव में अपने अधिकारों से वंचित है उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने कार्य समाज कार्य के विधार्थियों का है। इस कार्य में रोजगार के कई अवसर है युवा इस क्षेत्र में आगे आये।
समन्वयक डाॅ. सुनील चैधरी ने बताया कि महाविद्यालय विगत 64 वर्षो से समाज कार्य पेशेवरों को समाज कार्य शिक्षा के माध्यम से तैयार कर रहा हैं। यह समाज कार्य पेशेवर  फील्ड वर्क के माध्यम से अपनी औपचारिक शिक्षा के दौरान ही फील्ड वर्क के द्वारा वास्तविक तथा व्यवहारिक शिक्षा भी प्राप्त कर लेते हैं तथा विभिन्न उद्योगो, सगठनों, सामाजिक तथा  ग्रामीण विकास में उक्त दक्षताओं का क्रियान्वयन करते हैं। कार्यशाला में विभिन्न सत्रों में राजस्थान, हरियाणा, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, तेलंगाना तथा वेस्ट बंगाल से 141 समाज कार्य के पेशेवरों ने सहभागिता निभाई।
कार्यशाला में संजय डाबी, उपश्रम आयुक्त, भारत सरकार, भरत नायक, कार्यक्रम प्रबंधक एज्युको इंडिया, महाराष्ट्र, कृपाशंकर, प्रबंधक, मानव संसाधन विभाग, कार्स – 24, महाराष्ट्र, डाॅ. पारूल त्यागी, समाजशास्त्र विभाग, शालिनी शर्मा, स्टेट हेड, पंजाब हेल्थ सर्विसेज, पंजाब, मृत्यंजय, मानव संसाधन विभाग, बोश कंपनी, जयपुर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

By Udaipurviews

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