वर्तमान युग में क्वांटम कंप्यूटिंग की भूमिका
विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ आयोजन
उदयपुर 19 जुन / राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक विज्ञान संकाय के भौतिक विज्ञान विभाग ओर से वर्तमान युग में क्वांटम कंप्यूटिंग की भूमिका विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें देशभर के वैज्ञानिक, शिक्षाविद एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. कर्नल एस.एस.सारंगदेवोत् ने कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग विज्ञान का एक उभरता हुआ क्षेत्र है जिसमें क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों का उपयोग किया जाता है। यह एक बहू विषयक क्षेत्र है जिसमें भौतिक विज्ञान, गणित तथा कंप्यूटर के सिद्धांत समावेशित है। वर्तमान में तथा भविष्य में क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग बहुत से क्षेत्र में किया जा सकता है, जैसे सुरक्षा प्रणाली, साइबर क्राइम, नई दवाइयां की खोज वित्तीय समस्याएं आदि। उन्होंने मौजूदा सरकार द्वारा घोषित इस विषय के कार्यक्रम की जानकारी दी।
प्रारंभ में निदेशक डॉ. सपना श्रीमाली ने अतिथियों का स्वागत करते हुए एक दिवसीय संगोष्ठी की जानकारी दी।
सेमीनार में कुलाधिपति भंवर लाल गुर्जर, भूपाल नोबल्स संस्थान के प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह रूपाखेड़ी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
विशिष्ट अतिथि डॉ. लक्ष्मी रमन वरिष्ठ वैज्ञानिक इसरो श्रीहरिकोटा रहे। उन्होंने विज्ञान के स्पेशली फिजिक्स के अलग अलग पहलू के बारे में बताया ,साथ ही भविष्य में भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में वह कैसे अपना करियर बना सकते हैं और देश की सेवा कर सकते हैं बताया।
मुख्य वक्ता डॉ. पृथ्वी सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर , भौतिक विभाग, सिंघानिया विवि ने क्वांटम कंप्यूटिंग तथा क्लासिकल कंप्यूटिंग में अंतर समझाते हुए क्वांटम कंप्यूटिंग किस तरह कार्य करता है तथा इसके अनुप्रयोग उदाहरण सहित समझाएं । उन्होंने बताया कि क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग आज के बहुत सी इंडस्ट्रीज जैसे इंटेल आईबीएम इनके द्वारा किया जा रहा है और इसकी सहायता से कोई भी प्रक्रिया बहुत शीघ्रता से किया जा सकता है । डॉ जगदीश चंद्र व्यास सीनियर साइंटिस्ट सीस्मोलॉजिस्ट इनवाइटेड स्पीकर रहे। जिन्होंने सीस्मिक वेव्स और सीस्मोलॉजी को बहुत ही डिटेल में बहुत ही अच्छे से एक्सप्लेन किया।
इस अवसर पर डॉ. मंगल श्री दुलावत, डॉ भावेश जोशी, डॉ. उत्तम शर्मा , डॉ. पूजा जोशी, डॉ. खुशबू जैन, डॉ. लोकेश सुथार, लालिमा शर्मा, शक्तिका चैधरी, डॉ. हिमानी वर्मा, सहित संकाय के अन्य सदस्य, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित ।
संचालन सिद्धिमा शर्मा ने किया जबकि आभार डाॅ. योगिता श्रीमाली ने जताया।