उदयपुर। ‘अणुव्रत उदबोधन सप्ताह‘ का द्वितीय दिवस ‘अहिंसा दिवस‘ के रुप में तुलसी निकेतन सभागार मनाया गया, जिसमें अणुव्रत समिति के पदाधिकारी, सदस्य, श्रावक-श्राविका व तुलसी निकेतन के छात्रों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा थे। इस अवसर पर प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि ‘आज विश्व बारूद के ढेर पर खड़ा है, समस्या की जड़ हिंसा है समाधान का मूल मंत्र अहिंसा है‘। अहिंसा दिवस के बारे में बताते हुए प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि अणुव्रत अहिंसा सार्वभौम धर्म है। असांप्रदायिक धर्म है। इसमें विश्व की अनेक समस्याओं का समाधान है। हिंसक अस्त्र-शस्त्रों का समाधान अहिंसक अस्त्र निशस्त्रीकरण में है। वर्तमान में अनेक देशों का बजट देश के विकास से ज्यादा सुरक्षा पर खर्च हो रहा है। विनाश से बचने एकमात्र उपाय अहिंसा अणुव्रत है।
तुलसी निकेतन समिति के अध्यक्ष अरुण कोठारी ने बताया कि हिंसा से उत्पन्न विनाशकारी समस्याओं पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है। अणुव्रत समिति संरक्षक गणेश डागलिया ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद, भ्रूण हत्याए,ं अपराध, प्रकृति का अति दोहन, अति सुविधवाद से बढ़नी महत्वाकांक्षा, प्रसाधन आदि अनेक हिंसा जन्य प्रवृत्तियों पर नियंत्रण जरूरी है, इन सबका समाधान हृदय परिवर्तन और अहिंसा प्रशिक्षण द्वारा स्थाई समाधान मिल सकता है।
अणुव्रत समिति अध्यक्ष प्रणिता तलेसरा ने बताया कि आवेशात्मक प्रवृत्ति एवं लाभ की प्रवृत्ति ने हिंसा को बढ़ाया है, जीविका में उपयोग होने वाली अनावश्यक मनोरंजन प्रसाधन, संसाधनों का अति दोहन, बदले की भावना से की जाने वाली निरपराध प्राणी की हिंसा, भ्रूण हत्या है। मुख्य अतिथि का परिचय उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुनील इन्टोदिया ने दिया। तुलसी निकेतन संस्थान के परामर्शक बी.एल. मेनारिया ने शब्दों द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत किया। उपाध्यक्ष राजेंद्र सेन व प्रकाश बाबेल ने ऊपरणा व साहित्य द्वारा अतिथियों का सम्मान किया। डॉ विजयलक्ष्मी नैनावटी ने स्वरचित कविता का पठन किया। तुलसी निकेतन के छात्रों द्वारा अणुव्रत गीत की प्रस्तुति दी गई। साथ ही 12 भावनाओं की नाटक के माध्यम से प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का संचालन सहसचिव नीरज कोठारी ने किया। कार्यक्रम में डॉक्टर रणवीर नैनावती, मंजू चौधरी, शशि लोढ़ा, नरेंद्र लोढ़ा, रमेश शाह, रमेश सिंघवी, अभिषेक शर्मा, विकास नागदा, पलाश लोढ़ा, सरला अग्रवाल, मंजू चौधरी, जूली शर्मा की गरिमामय उपस्थिति रही। धन्यवाद सचिव कुंदन भटेवडा ने दिया।
वर्तमान में विश्व बारूद के ढेर पर खड़ा,अहिंसा के मूल मंत्र से इसका समाधान संभव
