राजस्थान विद्यापीठ में मेडिको-लीगल कॉन्फ्रेंस सम्पन्न
छात्रों ने साझा किए अनुभव, विशेषज्ञों ने दिए व्यावहारिक दृष्टिकोण
उदयपुर, 4 मई। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) एवं पैनेसिया मेडिको लीगल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय मेडिको लीगल कॉन्फ्रेंस-2025 का रविवार को समापन हुआ। अंतिम दिन भी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में विविध व्याख्यान हुए, वहीं विधि व चिकित्सा के विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा कर कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान की।
दूसरे दिन की शुरुआत छात्र-छात्राओं द्वारा पूर्व दिवस के अनुभवों के साझा करने से हुई, जिनमें विभिन्न प्रतिभागियों ने कंसेंट, बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन एवं उसकी कानूनी विवेचना, मेडिको लीगल प्रक्रियाओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इन प्रस्तुतियों के दौरान विद्यार्थियों व नव-चिकित्सकों ने आपसी संवाद से व्यावहारिक जानकारी भी अर्जित की।
इसके उपरांत दिल्ली से आये संयोजक समूह के विशेषज्ञ डॉ. सुशील गुप्ता ने दो सत्रों का संचालन किया। उन्होंने नेशनल कमीशन, स्टेट कमीशन और सुप्रीम कोर्ट में मेडिको लीगल विषयों पर आ रही नवीनतम गतिविधियों का ब्योरा देते हुए विषय के गहराई से अध्ययन पर ज़ोर दिया।
दूसरे दिन के विशेष सत्रों में डॉ विनीता, डॉ नीरव और डॉ अंजू ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। उनका विश्वविद्यालय की ओर से सम्मान भी किया गया। इस अवसर पर डॉक्टर इशिता गुप्ता ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शिव सिंह सारंगदेवोत के मार्गदर्शन में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मेडिको लीगल सर्विसेज (PGDMLS) कोर्स की घोषणा को उदयपुर के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया गया।
कार्यक्रम संयोजक lडॉ युवराज सिंह ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में दोनों दिन बड़ी संख्या में चिकित्सक, विधिज्ञ, मेडिकल अधिकारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम की सामग्री व प्रस्तुतियों को उपयोगी व प्रेरणादायी बताया।
इस अवसर पर संयोजन मडल से कुलसचिव डॉ तरुण श्रीमाली, परीक्षा नियंत्रक डॉ पारस जैन, आइक्यूएसी निदेशक डॉ युवराज सिंह , विधि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ कला मुनेत , डॉ चंद्रेश छतलानी की महत्वपूर्ण भागीदारी रही।