उदयपुर। मेवाड़ राजवंशीय कथा वाचक व्यास पंडित स्कन्द कुमार पंड्या द्वारा उदयपुर के अम्बामाता स्थित ऋंगी ऋषि आश्राम में चल रही भागवत कथा के आज तीसरे दिन धु्रव जी प्रसंग का वर्णन करते हुए पंड्या ने बताया कि पृथ्वी के सारे सुख मिल जायें तो भी तृप्ती का भाव नहीं जगेगा। कामनाओं का दुख का कारण बताते हुए व्यास जी ने कहा कि जीवन में सन्तुलन नहीं हो तो प्राप्त खुशी भी दूर हो जाती है।
आज कथा में वामनावतार की झांकी की पूजा के साथ कथा प्रांगण में भव्य श्री रामजन्म उत्सव मनाया गया।
मन की शान्ति सबसे महत्वपूर्ण
