संतों का आदेश शिरोधार्य, शोभायात्रा के आगे रहेगी सनातन धर्मग्रंथों की झांकी 

उदयपुर, 10 मार्च। भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति उदयपुर ने चैत्र प्रतिपदा पर 23 मार्च को उदयपुर में होने वाली विशाल शोभायात्रा में सबसे आगे सनातन धर्मग्रंथों की झांकी रखने का निर्णय किया है। एक दिन पूर्व ही शहर के विभिन्न मठ-मंदिरों के संत-महंतों द्वारा संत संगम में प्रदान किए गए सुझाव को शिरोधार्य करते हुए समिति ने यह निर्णय किया है।
समिति के संयोजक कपिल चित्तौड़ा ने बताया कि संत-महंत समाज के मार्गदर्शक हैं। उनके सुझाव को समिति की कोर कमेटी ने सर्वोपरि रखा और निर्णय किया गया है शोभायात्रा में सबसे आगे सनातन धर्मग्रंथों की झांकी रहेगी।
इस बीच, शुक्रवार को भी उदयपुर शहर व समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में नववर्ष समाजोत्सव के तहत 23 मार्च को होने वाली विशाल शोभायात्रा, कलश यात्रा और धर्मसभा की तैयारियों को लेकर बैठकों का दौर जारी रहा। मातृशक्ति ने कलश यात्रा के लिए सहसंयोजक श्रीमती अलका मूंदड़ा के नेतृत्व में भुवाणा में चल रही नानी बाई के मायरे की कथा तथा सुखेर में चल रही भागवत कथा में कलश यात्रा का निमंत्रण देते हुए कलश प्रदान किया। समिति की मंजू शर्मा, सीमा, किरण डांगी, नर्मदा, मांगी बाई, सुभाषिनी शर्मा, विद्या भावसार, कीर्ति सूद, सोनिका जैन, बबीता, निर्मला, पुष्पा आदि मातृशक्ति ने हिरण मगरी सेक्टर-4 चौराहे पर शिव मंदिर में निमंत्रण देते हुए कलश प्रदान किया। इसी तरह, खेमपुरा स्थित चारभुजा मंदिर, सेक्टर-5 स्थित सांई बाबा मंदिर, आवरेश्वर महादेव, आवरीमाता मंदिर व हनुमान मंदिर में भी कलश प्रदान कर शोभायात्रा में सम्मिलित होने का निमंत्रण दिया गया।
भुवाणा स्थित बावड़ी वाले हनुमान मंदिर में उस क्षेत्र के सामाजिक-धार्मिक संगठनों की बैठक रखी गई। बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक आनंद प्रताप सिंह भारतीय नववर्ष को भारतीय समाज में सुदृढ़ तरीके से प्रस्थापित करने का आह्वान किया। यहां उपस्थित बंधुओं ने महाप्रसाद, कलश एवं पताकाओं के लिए अंशदान की घोषणाएं भी की। इसी तरह, मनोहरपुरा में हुई बैठक में भी आयोजकों ने भारतीय नववर्ष के महत्व के बारे में जानकारी दी। भारतीय कालगणना का महत्व भी बताया। यहां पर भी उपस्थित समाजजनों ने कार्यक्रम के निमित्त महाप्रसाद, कलश, पताकाओं आदि के लिए अंशदान की घोषणाएं की। बैठक में खूबीलाल सिंघवी, भूपाल सिंह राणा, हिंदराज सिंह, हीरालाल व्यास, केशु लाल जोशी, रोशन प्रजापत आदि समाजजन उपस्थित थे।
By Udaipurviews

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