सांसारिक जीवन के आचरणों के बीच भगवान का भी सानिध्य बनाए रखें- महर्षि उत्तम स्वामी

निम्बाहेड़ा। जीवन में प्रेम शरीर से होता है इसलिए जीवन में विभिन्न शरीरों के साथ प्रेम का परिवर्तन होता रहता है। जगत का शारीरिक सौन्दर्य कुछ समय के लिए आकर्षित कर सकता है, किन्तु सौन्दर्य चिरकाल नहीं होता है, जबकि आत्मा बहुत सुन्दर है, जिसने आत्मा के दर्शन कर लिए उसे जगत की कोई वस्तु आकर्षित नहीं कर सकती है। आत्म दर्शन से परमात्मा के दर्शन होते है।
उक्त उद्गार मंगलवार को उपखण्ड़ के मण्डावली ग्राम में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन राजराजेश्वरी पदमावति शक्तिपीठ बांसवाड़ा के संस्थापक एवं ध्यानयोगी महर्षि उत्तम स्वामी जी महाराज ने महाभारत, हिरण्याक्ष वध सहित विभिन्न प्रसंगो एवं दृष्टान्तों की विवेचना के दौरान व्यक्त किए।
उन्होनें कहा कि मानव जीवन भर सांसारिक वेभव के लिए नाना प्रकार के जतन करता है और अंत में उसका श्राद्ध कर किया जाता है, जबकि संत जीवन भर भगवान के श्रीचरणों में जीवन व्यतित करते हुए मानव समाज को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते है, इसीलिए संतो की जयन्ति मनाई जाती है। श्राद्ध की बजाए जयन्ति मनवानी हो तो सांसारिक जीवन के आचरणों के बीच भगवान का भी सानिध्य बनाए रखें। मीरा की श्री कृष्ण भक्ति के पुरूषार्थ की विवेचना करते हुए उत्तम स्वामी ने कहा कि इन्द्रियों पर चढ़ा पाप परमार्थ नहीं करने देता है, मनुष्य जीवन में संसार के लिए पुरूषार्थ करते है, जबकि परमार्थ के लिए पुरूषार्थ करने की जरूरत है।
उन्होने कहा कि कथा अमृत को जिसने पा लिया समझो उसने जीवन में पदम पद को प्राप्त कर लिया। पुराणों में भी वर्णन है कि श्रीमद् भागवत सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है, चारों वेदों का फल श्रीमद् भागवत है। श्रीमद् भागवत के नियमों का पालन करने से तो जीवन में कभी पाप नहीं होता।
पाण्डवों के ईश्वरीय सानिध्य की चर्चा करते हुए उन्होनें कहा कि कहा कि ईश्वर के सानिध्य में रहने से प्रत्येक संघर्ष पर विजय प्राप्त होती है। धन की चिन्ता की बजाए प्रभू की चिन्ता करने से प्रभू स्वयं चलकर आएगें।
प्रारंभ में व्यासपीठ पर विराजीत होकर उत्तम स्वामी ने श्रीमद् भागवत ग्रंथ की पूजा अर्चना की, वहीं आयोजनकर्ता भूरालाल शिवनारायण धाकड़ परिवार द्वारा श्रीमद् भावगत ग्रंथ की पूजा अर्चना के साथ व्यासपीठ एवं श्री श्री १००८ श्री उत्तम स्वामी जी महाराज का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन पश्चिम मण्डल अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह शक्तावत ने किया।
इस अवसर पर सांसद सी.पी.जोशी, पूर्व स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी, जिला प्रमुख सुरेश धाकड़, पूर्व विधायक अशोक नवलखा, निम्बाहेड़ा नगर मण्डल अध्यक्ष नितिन चतुर्वेदी, भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष गब्बर सिंह अहीर, चित्तौड़गढ़ नगर अध्यक्ष सागर सोनी, पूर्व पालिकाध्यक्ष सुशील शर्मा, र्पूव नगर अध्यक्ष नरेंद्र पोखरना, छोटीसादड़ी पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद साहू, शंभूलाल मेनारिया, रवी मेनारिया, श्री कल्लाजी वेदपीठ के कैलाश मूंदड़ा, अशोक अग्रवाल फतहनगर, कनेरा मण्डल अध्यक्ष जुगल किशोर धाकड़, महामंत्री राजेश धाकड़, ओंकारलाल धाकड़, पूर्व सरपंच डलां किशनपुरा गोपाल धाकड़, एसटी मोर्चा अध्यक्ष अम्बालाल मीणा, सरपंच प्रतिनिधी राधेश्याम टेलर, विनोद धाकड़, गणेशदान चारण, बद्रीदान चारण, पुष्कर धाकड़, किसान मोर्चा नगर अध्यक्ष प्रकाश शर्मा, नगर उपाध्यक्ष देवकरण समदानी, भाजयुमो पश्चिम मण्डल के लोकेश जाट, नरेन्द्र प्रजापत, नवल किशोर गुवार, रमेश वैष्णव सहित सैंकडों की संख्या में श्रद्धालु स्त्री, पुरूष एवं युवा भक्तजनों मौजूद रह कर कथा का अमृतपान किया। द्वितीय दिन की कथा के समापन पर महाआरती के पश्चात श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।

आज होगा ध्रूव, पहलाद चरित्र वर्णन एवं जड़ भरत आख्यान का वाचन

कथा आयोजक भूरालाल धाकड़ ने श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन की जानकारी देते हुए बताया कि 4 जनवरी, बुधवार को ध्रुव, प्रहलाद चरित्र के साथ जड़ भरत आख्यान प्रसंग का वाचन किया जाएगा।
श्रीमद् भागवत कथा आयोजनकर्ता भुरालाल, शिवनारायण धाकड़ परिवार एवं मण्डावली ग्रामवासियों ने क्षेत्र के समस्त धर्मप्रेमियों से अधिक से अधिक संख्या में इस पावन महोत्सव में प्रभु दर्शनार्थ एवं श्रीमद् भागवत कथा के अमृत रसपान का आव्हान किया है।

By Udaipurviews

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