उदयपुर, 29 जून, नांदेश्वर बांध पर रविवार को हुए झील संवाद में तालाब व चैनल की स्वच्छता सुनिश्चित करने सहित तालाब की डिसिल्टिंग करने का आग्रह प्रस्तुत किया।
झील प्रेमी डॉ अनिल मेहता ने कहा कि नांदेश्वर बांध पिछोला झील से ऊपर एक फ्लड रिटेंशन तालाब है। यदि यहां गंदगी बढ़ती है तो इसका सीधा दुष्प्रभाव पिछोला पर आएगा। मेहता ने कहा कि अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब का पर्यावरणीय व पारिस्थितिकीय संरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए।
तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पालीवाल ने कहा कि विगत कुछ वर्षों में पिछोला में जा रही सिल्ट की मात्रा बढ़ी है। इसे नियंत्रित करने के लिए नांदेश्वर बांध की नियमित वैज्ञानिक डिसिल्टिंग जरूरी है ताकि इसकी क्षमता तो बढ़े ही, साथ ही सिल्ट इसमें रुके तथा सीधे पिछोला में नहीं पहुंचे।
नंदकिशोर शर्मा ने कहा कि नांदेश्वर चैनल के आसपास फैलाई जा रही गंदगी पर अंकुश लगाना से मुक्त रखना जरूरी है। यदि चैनल व नदी में गंदगी बढ़ेगी तो पेयजल गुणवत्ता पर हानिकारक प्रभाव होंगे।
कुशल रावल ने कहा कि नांदेश्वर तालाब के आसपास की पहाड़ियों में निर्माण रोकना चाहिए तथा सघन वृक्षारोपण किया जाना चाहिए।
द्रुपद सिंह ने आग्रह किया कि नांदेश्वर तालाब को अमृत पोखर घोषित कर इसे प्रदूषण से बचाया जाना चाहिए।
संवाद से पूर्व श्रमदान कर प्लास्टिक , पॉलीथिन कचरे को हटाया गया।