जोगीतालाब स्कूल हादसा: जनसंगठनों के प्रतिनिधि मिले मृतक बालिकाओं के परिजनों से

– मृतक बालिकाओं के परिजनों ने कहा मुआवजा 50 लाख दो

उदयपुर। शहर से सटे जोगी तालाब स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित मटकी फोड़ कार्यक्रम के दौरान सीमेंट पोल नीचे गिरने से हादसे में मारी गई दो छात्राओं के शोक संतप्त परिजनों से रविवार को माकपा-जनसंगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात करने के साथ ही पूरे स्कूल परिसर का जायजा लेते हुए घटनाक्रम से संबंधित तथ्य जुटाए। वहीं जागी तालाब के ग्रामीणों ने सोमवार को पंचायत बुलाने का ऐलान किया है।
माकपा जिला सचिव व पूर्व पार्षद एडवोकेट राजेश सिंघवी, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति अध्यक्ष केसर देवी, सचिव रानी माली, अखिल भारतीय किसान सभा जिला उपाध्यक्ष एडवोकेट ललित मीणा, आदिवासी जनाधिकार एका मंच राज्य सचिव विमल भगोरा, भारत की जनवादी नौजवान सभा राज्य सचिवमंडल सदस्य पवन बैनीवाल और जिला उपाध्यक्ष अमजद शेख,सह सचिव जोगेंद्र वसीटा निर्माण मजदूर एकता यूनियन (सीटू) के सचिव पार्षद एडवोकेट राजेंद्र वसीटा, रघुनाथ सिंह भाटी ने स्कूल हादसे में मारी गई छात्रा नारायणी और राधा के परिजनों से उनके घर पर जाकर मुलाकात की। मृतक नारायण व राधा के परिजनों भगवानदास, लोगर गमेती पन्नालाल गमेती ने उन्हें बताया कि घटना के बाद बच्चों व रिश्तेदारों से स्कूल स्टॉफ आज तक नहीं मिला और न ही सांत्वना देना उचित समझा। गीतांजली हॉस्पिटल में उपचाराधीन छात्राओं के परिजनों ने बताया कि स्कूल में ऐसे जोखिम भरे आयोजन पहले नहीं हुए। परिजनों ने बताया कि अभी तक 4 लाख मुआवजा मिला है और संविदा पर एक सदस्य को नौकरी का आश्वासन दिया है। परिजनों ने मुआवजा अपर्याप्त बताते हुए सरकार से 50 लाख के मुआवजा और विद्यालय के सीसीटीवी फुटेज जब्त कर घटना की निष्पक्ष जांच, दोषियों को सजा दिलाने व दूसरा स्टॉफ लगा पढ़ाई सुचारू करने की मांग की है। इस सबंध में ग्रामीणों ने सोमवार को जोगी तालाब विधालय में पंचायत बुलाई है।
साथ ही प्रतिनिधियों ने घटना स्थल से भी तथ्य जुटाए। उन्होंने विद्यालय में घटनास्थल पर पाया कि ध्वजारोहण के लिए गत 15 अगस्त से पहले बनाया गया सीमेंट पोल का मजबूत आधार नहीं तैयार किया जिससे पोल अपनी पकड़ छत से नहीं बना सका। ऐसे में उसे बांधी गई रस्सी के खिंचाव मात्र से उखड़ने से छात्राओं पर गिर पड़ा। अफरा-तफरी में भागे बच्चों की चप्पले-जूते, टिफिन, किताबें आज भी बिखरी पड़ी है। स्थानीय नारायण गमेती ने उन्हें बताया कि कुछ स्टॉफकर्मी घायल छात्राओं को अस्पताल ले गए जबकि शेष स्टॉफकर्मी स्कूल में बच्चों को लावारिस छोड़ चले गए। शिक्षा विभाग के बिना निर्देश किए गए आयोजन में जोखिम को प्रधानाचार्य व शिक्षकों द्वारा अनदेखा किया गया। प्रतिनिधियों ने बताया कि शौचालयों की दीवार में दरार घटिया निर्माण की तरफ इशारा करती है। प्रतिनिधियों ने ऐसी गंभीर घटना की पुनरावृति रोकने, प्रभावितों को 50 लाख मुआवजा दिलाने, दोषी प्रधानाचार्य व शिक्षकों को बर्खास्त करने, सभी विद्यालयों का निरीक्षण कर खतरे वाले भवनों को गिराने के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन देने का निर्णय किया है।

By Udaipurviews

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