उदयपुर 25 अक्टूबर/ सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग, राजस्थान सरकार के अंतर्गत आईस्टार्ट राजस्थान के तत्वावधान में राजस्थान नॉलेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से आईस्टार्ट आइडियाथॉन 2025 का आयोजन उदयपुर संभाग में किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 28 अक्टूबर 2025 को उदयपुर में आयोजित होगा।
उपनिदेशक जीवन राम मीना ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में नवाचार और उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करना है। विद्यालय (कक्षा 6 से 12) एवं महाविद्यालय स्तर के विद्यार्थी 1 से 4 सदस्यों की टीम बनाकर तकनीकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, फिनटेक, पर्यावरण, एवं अन्य क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान हेतु अपने नवाचारी विचार प्रस्तुत करेंगे। इस प्रतियोगिता के लिए उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद एवं प्रतापगढ़ जिलों के विद्यार्थियों को इस संभागीय कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। प्रत्येक जिले के विद्यालयों एवं कॉलेजों से चयनित टीमें संभाग स्तरीय फाइनल में अपने आइडिया को प्रस्तुत करेंगी। संभागीय फाइनल में विद्यालय एवं कॉलेज की अलग अलग टीमों को चयनित किया जाएगा। शीर्ष तीन टीमों को क्रमशः ₹25,000, ₹15,000 और ₹10,000 की नकद पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
विशिष्ट अतिथियों में आईस्टार्ट राजस्थान के अधिकारीगण, आरकेसीएल के प्रतिनिधि, स्थानीय उद्यमी, स्टार्टअप फाउंडर एवं शिक्षाविद शामिल रहेंगे। स्किलोनशन एडटेक प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर एवं सीईओ राघव शर्मा ने कहा कि यह नवाचार की नई उड़ान की सार्थक पहल है। यदि बच्चे अभी से उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ेंगे तो वे नवभारत के नव निर्माण के रथ में सारथी बनकर महत्वपूर्ण योगदान देंगे।कार्यक्रम का संचालन आईस्टार्ट राजस्थान टीम द्वारा किया जाएगा। आयोजन के दौरान प्रतिभागियों को मेंटोरशिप सेशन, आइडिया पिचिंग तथा प्रदर्शन स्टॉल्स के माध्यम से नवाचार की वास्तविक प्रक्रिया का अनुभव कराया जाएगा। प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु पंजीकरण istart.rajasthan.gov.in/
पशुओं में गर्भपात को लें गंभीरता से, पशुओं के दुग्ध की नियमित कराए जाँच
उदयपुर, 25 अक्टूबर/ पशुओं में अंतिम तीन माह में होने वाले गर्भपात को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकी यह प्राय ब्रुसेलोसिस के कारण होता है एवं पशुओं के सम्पर्क में आने वाले मनुष्यों में भी यह रोग फैलता है। यह संबोधन राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित खुली चर्चा में दिये।
उन्होंने बताया कि ऐसे गर्भपात का उपचार करते समय बरती गई लापरवाही के कारण पशुधन निरीक्षक एवं पशुचिकित्सक में भी इस रोग के आने की प्रबल संभावना रहती है। विभाग के अनेक पशुधन निरक्षक एवं पशु चिकित्सक इस रोग के चपेट में आ चुके है जो इलाज कराने के बाद पुर्णतः स्वस्थ है। इस साल भी वर्तमान में उदयपुर जिले के 13 गौ वंश पशुओ में ब्रुसेलोसिस रोग पाया गया है। यह एक जीवाणु जनित जूनोटिक रोग है अतः इसके प्रति सचेत एवं सतर्क रहना चाहिए। डॉ छंगाणी ने बताया कि इस रोग का पता दूध की जायें से भी लगाया जा सकता है अतः पशुपालकों को चाहिए की वे समय समय पर अपने पशुओ के दूध की जांच कराए। संस्थान की वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ पदमा भील ने बताया कि मनुष्य में इस रोग के लक्षण तेज बुखार जो कभी सामान्य कभी तेज हो जाता है, सिरदर्द, बेचैनी, वृषणो में सूजन, गर्भवती महिलाओं में गर्भपात जैसे लक्षण दिखाई देते है। जबकि पशुओ में अंतिम तिमाही में गर्भपात, तत्पश्चात बौझपन, तेज बुखार एवं दुग्ध उत्पादन में भारी गिरावट जैसे लक्षण दिखाई देते है। डॉ पदमा ने बताया कि इस रोग के बचाव का एक ही उपाय है कि 6 माह से कम आयु की बछड़ी को इस रोग के बचाव का टिका लगा दिया जाए। संस्थान के वरिष्ठ पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ ओम साहू ने बताया कि पशु में इस रोग की पुष्टि होने पर इसे अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग कर प्रजनन पर स्वस्थ होने तक पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा देना चाहिए एवं सावधानी पूर्वक पशुओ के सम्पर्क में आना चाहिए। इस अवसर पर विभाग के अन्य तकनीकी कर्मचारियों ने भी अपने विचार रखे।
