जिला कलक्टर की पहलः महिलाओं के स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए जागरुकता मुहिम

महिलाए पेट के निचले हिस्से में दर्द को न करें नजरअंदाज, 
प्रतापगढ़,4 अप्रैल। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्वच्छता और जानकारी के अभाव में महिलाएं कई गंभीर बीमारियों की शिकार हो जाती है। वे खुलकर चिकित्सकों को अपनी पीड़ा को बताने में हिचकिचाती है। खासतौर पर गुप्त समस्याएं को खुलकर नहीं बता पाती हैं। ऐसे में बीमारी बढ़ने का खतरा काफी ज्यादा हो जाता है। जिसकी वजह से वे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) की शिकार हो जाती है। जो कि महिलाओं में इन्फर्टिलिटी का बड़ा कारण बन रही है।
अब जिला कलक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव की पहल पर चिकित्सा विभाग अब घर घर जाकर महिलाओं को जागरूक करेगा। मंगलवार को जिले के चिकित्साधिकारियों के साथ जिला कलक्टर यादव ने एक रणनीतिक बैठक की। कलक्टर के नवाचार कार्यक्रम के तहत चिकित्सा विभाग के डाॅक्टर और स्वास्थ्य कर्मी ऐसी समस्या से पीड़ित महिलाआंें की पहचान, समयबद्ध उपचार एवं जागरूकता की एक मुहिम चलाएंगे। जिसमें अलग अलग चरणों मंे चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण देकर उनको तैयार किया जाएगा।
मंगलवार को कार्यवाहक सीएमएचओ डाॅ जगदीप खराड़ी ने बताया कि मंगलवार को जिला कलक्टर डाॅ इंद्रजीत यादव की उपस्थिति में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ लखपत मीणा द्वारा चिकित्सकांे को कार्यकम की आधारभूत जानकारी दी।  जिसमें बीमारी की पहचान, लक्षण, उपचार आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
क्या है यह बीमारी
यह हार्मोनल और स्वच्छता से जुड़ा डिसऑर्डर है, जो कि बैक्टीरिया के कारण होता है। जिसमें रोगी महिला के गर्भाशय, फेलोपियन ट्यूब व प्रजनन से जुड़े अंगों में सूजन आती है। इलाज के अभाव में इन्फर्टिलिटी की आशंका रहती है। चिकित्सकीय भाषा में इस समस्या को पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी ) कहते है।
क्या कहते है चिकित्सकः-
महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लखपत मीणा बताते हैं कि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज एक संक्रमण से जुड़ी बीमारी है। माहवारी के दौरान स्वच्छता की कमी एवं इसको नजर अंदाज करने के कारण महिलाओं के प्रजनने में संक्रमण  फैलने का खतरा बढ़ जाता है। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर महिलाओं का गर्भ,  फैलोपियन ट्यूब (एक तरह की नलिका), गर्भाशय ग्रीवा और अंडाशय संक्रमित हो सकता है। संक्रमण फैलने की वजह से इन अंगों में सूजन आ सकती है। साथ ही काफी तेज दर्द भी होता है। आमतौर पर यह बीमारी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (एसटीआई) के कारण उत्पन्न होता है।
यह है लक्षणः- 
पेट या पीठ के निचले हिस्से में अत्यधिक दर्द होना, बार-बार बुखार आना, योनि का द्रव असामान्य रंग का होना, योनि के द्रव से गंध आना, अधिक ठंड लगन, पेशाब करते समय दर्द होना, शरीर में थकान महसूस होना, पेशाब बार-बार आना, भूख न लगना, पीरियड क्रैम्प्स, पीरियड्स में काफी रक्त बहना, मतली और उल्टी होना।

ग्राम पंचायत स्तरीय जनसुनवाई गुरुवार को

प्रतापगढ़ 04 अप्रैल। जिले भर में आमजन की परिवेदनाओं एवं समस्याओं की सुनवाई कर त्वरित समाधान के लिए मुख्य सचिव व जिला कलक्टर के निर्देषानुसार अप्रैल माह में ग्राम पंचायत स्तरीय जनसुनवाई 6 अप्रैलप्रथम गुरुवार को प्रातः 11 से दोपहर 2 बजे तक भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र में आयोजित की जायेगी।

लोक सेवाऐं प्रतापगढ़ के सहायक निदेषक विजय सिंह नाहटा ने आदेष जारी कर बताया कि इसी तरह से द्वितीय गुरूवार 13 अप्रैल को प्रातः 11 से 02 बजे तक उपखण्ड स्तरीय जनसुनवाई संबंधित पंचायत समिति में स्थित भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र एवं 20 अप्रैल तृतीय गुरूवार को प्रातः 11 बजे से 02 बजे तक जिला स्तरीय जनसुनवाई कलेक्टेªट स्थित भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर आयोजित होगी। उन्हांेने बताया कि जनसुनवाई में उपखंड अधिकारीतहसीलदारविकास अधिकारीजिला स्तरीय अधिकारीजनप्रतिनिधि एवं आमजन भाग लेंगे।

राजकीय महाविद्यालयभचुण्डला में भूगोल प्रायोगिक परीक्षा 6 को

प्रतापगढ़ 04 अप्रैल। राजकीय महाविद्यालयभचुण्डला (प्रतापगढ़) के प्राचार्य प्रो. बनवारीलाल मीणा व महाविद्यालय प्रभारी डॉ. मोहनलाल मेघवाल ने बताया कि महाविद्यालय के भूगोल विषय के सभी नियमित विद्यार्थियों कि बी.ए. (स्नातक) प्रथम वर्ष भूगोल की प्रायोगिक परीक्षा 6 अप्रैल 2023 को सम्पन्न होगी। सभी विद्यार्थी अपना महाविद्यालय परिचय पत्र व प्रायोगिक फाईल लेकर उपस्थित होगें।

उन्होंने बताया कि सभी नियमित विद्यार्थी 6 अप्रैल को प्रातः 0930 बजे महाविद्यालय के सूचना पट्ट से रोल नम्बरबैच नम्बर तथा बैठक व्यवस्था की जानकारी प्राप्त कर लेंवे।

By Udaipurviews

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