उदयपुर 21 जून! गणगौर घाट पर प्रातःकालीन समय में विश्व योग दिवस के अवसर पर राजस्थान सरकार, आलोक संस्थान, आयुष विभाग, जिला प्रशासन, उदयपुर, क्रीड़ा भारती उदयपुर महानगर के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य और अनुशासित योग सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती एवं आचार्य पतंजलि के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पण कर किया गया। इसके पश्चात भारत माता के चित्र के समक्ष उपस्थितजनों ने राष्ट्र के कल्याण हेतु सामूहिक संकल्प लिया।
इस अवसर के मुख्य अतिथि डॉ. प्रदीप कुमावत, संयोजक अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति, राष्ट्रीय सचिव एवं निदेशक आलोक संस्थान थे!
डॉ. कुमावत ने अपने वक्तव्य में अष्टांग योग की विस्तृत व्याख्या करते हुए कहा – “योग केवल आसनों तक सीमित नहीं है, बल्कि ‘योग: कर्मसु कौशलम्’ अर्थात् कर्म में कुशलता भी योग है। शरीर और मन जब दोनों स्वस्थ रहते हैं, तभी मनुष्य अपने कर्म में पूर्ण निपुणता प्राप्त करता है।”
कार्यक्रम में शशांक टांक, योग प्रशिक्षकों द्वारा योग प्रोटोकॉल के अंतर्गत विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया गया, जिसमें ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, त्रिकोणासन, प्राणायाम इत्यादि सम्मिलित थे। उपस्थितजन, छात्रों, शिक्षकों, अधिकारियों व नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और पूरे कार्यक्रम में ऊर्जा व अनुशासन की मिसाल पेश की।
कार्यक्रम में विशेष रूप से क्रीड़ा भारती चितोड़ प्रांत के अध्यक्ष देव नारायण धायभाई, उपाध्यक्ष विक्रम सिंह चंदेला, आयुर्वेद विभाग के जिग्नेश जी, आलोक के निश्चय कुमावत, प्रतीक कुमावत उपस्थित रहे!
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को आंवला जूस वितरित किया गया, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
विश्व योग दिवस पर आलोक संस्थान एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में गणगौर घाट पर हुआ भव्य योग आयोजन
