उदयपुर। श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ शाखा उदयपुर के तत्वावधान में ओरबिट रिसोर्ट स्थित अरिहंत भवन में आयोजित धर्मसभा में आचार्य ज्ञानचंद्र महाराज ने कहा कि ठान लो तो हर काम बनता है, संकल्प मजबूत होना जरूरी है। जीतने के लिए हौसला बुलंद रखिए। किसी भी परेशानी में दुखी मत होइए, परेशान मत होइए।
उन्होंने कहा कि गजसुकुमाल मुनि ने ठान लिया था तो जिस दिन दीक्षा ली, उसी दिन मोक्ष चले गए। उन्होंने महाकाल प्रतिमा धारण की। उनके ससुर ने उनके सिर पर अंगारे रख दिए, फिर भी साधन से डीगे नहीं। हम जरा से कष्ट से हिल उठते हैं। परिवार वालों से लड़ पड़ते हैं। मेरा बेटा ऐसा है, बेटी पत्नी पति साथ ससुर नंद ऐसी है। ना जाने किस किस को क्या बोल पड़ते हैं। किंतु गजसुकुमाल मुनि शांत रहे, कोई प्रतिकार नहीं किया। वे शांत रहे तो देवता भी झुक गए, उनकी भक्ति में लग गए। हम उनको बार-बार याद करें, हमारे अंदर भी वैसी सहन शक्ति जागृत होगी। आप क्या ठानते हो, इसने गाली दी तो मैं जरूर प्रतिकार करूंगा। विरोध करने के लिए तैयार बैठे हैं।
आचार्य ने कहा कि मम्मण सेठ ने क्या ठान लिया, एक रत्नों का बैल और बनाऊंगा। वह महा कंजूस था। पैसे की कोई नहीं कमी नहीं थी, फिर भी वह भयंकर सर्दी में नदी से लकड़ी निकाल कर लाता था। उसे बेचकर पैसा जोड़ रहा था क्योंकि उसको हीरों जड़ा एक बैल और बनाना था।
गजसुकुमाल मुनि और अनाथी मुनि ने सही जगह ठाना तो वे तिर गए। अच्छे काम करने के लिए मन पक्का बना लो तो वह काम आपको सुकून देने वाला बनेगा। मंजिल तक ले जाने वाला होगा।
संतरत्न अजीत मुनि महाराज सामने ठान लिया तो 108 आयंबिल तप की आराधना कर ली। आज के रविवारीय प्रवचन में सैकड़ो की तादाद में श्रद्धालु गुरु मुख से जिनवाणी सुनने पहुंचे। आज दिल्ली, जयपुर, चित्तौड़, कपासन, मुंबई, जलगांव आदि अनेक स्थानों से श्रद्धालुजन उपस्थित हुए।
जीतने के लिए हौसला बुलंद रखिएं, किसी भी परेशानी में दुखी मत होयेंः ज्ञानचंद्र महाराज
