उदयपुर। सेक्टर 4 श्री संघ में विराजित श्रमण संघीय जैन दिवाकरिय महासाध्वी डॉ श्री संयमलताजी म. सा.,डॉ श्री अमितप्रज्ञाजी म. सा.,श्री कमलप्रज्ञाजी म. सा.,श्री सौरभप्रज्ञाजी म. सा. आदि ठाणा 4 के सानिध्य में विजयादशमी महामंगलपाठ का आयोजन संपन्न हुआ।
मंगलाचरण के पश्चात सामूहिक लोगस्स का जाप हुआ। जाप के पश्चात नव दिवसीय अखंड मौन साधना, ध्यान साधना, तप आराधना की पूर्णाहुति पर महासाध्वी डॉ संयमलताजी द्वारा महामांगलिक संपन्न हुई। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने महामंगलपाठ श्रवण कर अपने आप को धन्य महसूस किया।
विजयादशमी के पावन अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी संयमलता ने कहा दशहरा मनाना है तो हमारे मन में बसे रावण को जलाना होगा। अपने अहंकार को मिटाना होगा, ताकि राम को अपनी विजय का स्वाभिमान हो और रावण को अपनी पराजय का एहसास हो और हम सब में दशहरा का विश्वास हो।
साध्वी ने आगे कहा जिस रावण को राम ने भी महान पंडित माना, जिससे लक्ष्मण ने भी राजनीति का गुर जाना , जिस रावण के कारण राम अमर हुए, उस रावण को जलाकर हम जश्न मनाते हैं? तब तो केवल एक रावण था पर आज हर घर घर में रावण है। जब तक रहे, मर्यादा में जिए। रावण के पुतले को नहीं बल्कि अपने मन मंदिर में बुराइयों को भस्म करें। झुककर जीने की कोशिश करें। झुकाने का जिद छोड़े, ताकि अच्छाइ इठलाए और बुराई शर्म से खुद जल जाए।