उदयपुर रेंज स्तरीय बाल संरक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
उदयपुर, 23 अक्टूबर। सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा एवं दांडिक न्याय विश्वविद्यालय, जोधपुर, राजस्थान के सेंटर फार चाइल्ड प्रोटेक्शन द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से उदयपुर रेंज के सभी बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों, मानव तस्करी विरोधी इकाइयों के अधिकारियों के लिए रेंज स्तरीय बाल संरक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में कुल 44 बाल कल्याण पुलिस व मानव तस्करी विरोधी इकाइयों के अधिकारियों ने भाग लिया जिसमे 37 बाल कल्याण पुलिस अधिकारी और 7 मानव तस्करी रोधी इकाई उपस्थित थे जिसमें से भीलवाड़ा से 10, चित्तौड़गढ़ से 9, राजसमंद से 10, सलूम्बर से 9, और उदयपुर से 6 प्रतिभागी थे।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, क्राइम एंड विजिलेंस हर्ष रत्नू ने कहा कि बाल अधिकार और बाल संरक्षण एक महत्वपूर्ण विषय है, और हमारा लक्ष्य बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों और मानव तस्करी रोधी इकाई के अधिकारियों को बच्चों से संबंधित कानूनों के प्रति जागरूक करना और यह जानना था कि हम बाल कल्याण समितियों, किशोर न्याय बोर्डों, जिला बाल संरक्षण इकाइयों, और नागरिक समाज संगठनों के साथ कैसे अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकते हैं। कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ़ ऑनर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुश्री अंजना सुखवाल ने कहा कि बाल संरक्षण एक साझी जिम्मेदारी है, जिसमें बाल कल्याण से जुड़े सभी हितधारकों का समन्वय और टीमवर्क आवश्यक है।, सेंटर फॉर चाइल्ड प्रोटेक्शन के नोडल अधिकारी हिमांशु शर्मा ने बाल संरक्षण और बच्चों के सर्वोत्तम हित की दिशा में समन्वय से कार्य करने की बात कही।
वाणिज्यिक न्यायालय के न्यायाधीश महेन्द्र कुमार दवे ने बच्चों के संदर्भ में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एवं विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी। पुलिस उपाधीक्षक श्रीमती चेतना भाटी ने बाल संरक्षण के लिए मिलकर कार्य करने की बात कही। डीसीपीयू की सहायक निदेशक श्रीमती आरुषि जैन ने बच्चों के लिए विभिन्न योजनाएं और नीतियों की विस्तार से चर्चा कर महत्वपूर्ण जानकारी दी। बाल अधिकार विशेषज्ञ और बाल संरक्षण संभागीय सलाहकार सिंधु बिनुजीत ने बाल मित्र पुलिसिंग के महत्व और इसकी प्रभावशीलता पर गहन चर्चा की। कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉ. सुनील चौधरी, शैलेन्द्र पंड्या, प्रवीण सिंह, बिमल सिंह, राधेश्याम कुमावत, नरेंद्र सिंह आदि ने भी विचार रखे।