भीलवाडा, 14 जून। डाक विभाग भीलवाड़ा मंडल की ओर से विश्व रक्तदान दिवस के उपलक्ष्य में राजकीय महात्मा गाँधी चिकित्सालय, ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में डाक विभाग के कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जिसमें 21 यूनिट रक्तदान किया गया।
अधीक्षक डाकघर शैलेन्द्र कुमार ने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करते हुए स्वयं भी रक्तदान किया। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी इस तरह के शिविर का आयोजन किया जाता रहेगा।
शिविर में डॉ असलम मंसूरी, डॉ मुदित जैन तथा नेमीचंद जैन के साथ-साथ राजकीय चिकित्सालय ब्लड बैंक की समस्त टीम उपस्थित रही। साथ ही शिविर में कार्यवाहक निरीक्षक डाक (परिवाद) केदार वैष्णव, उपडाकपाल भीलवाड़ा कोर्ट सत्य नारायण नागर, कार्यालय सहायक श्री इस्लामुद्दीन रंगरेज, श्री मनोज कुमार शर्मा तथा लेखाकार प्रभाकर शर्मा डाक कर्मचारी उपस्थित रहे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुश्ताक खान तथा अधीक्षक डाकघर शैलेन्द्र कुमार द्वारा रक्तदाताओं को प्रशंसा-पत्र भी प्रदान किये गए।
कृषक उत्पादक संगठन केविके की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि – डॉ. कर्नाटक
भीलवाडा, 14 जून। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक के मुख्य आतिथ्य एवं निदेशक प्रसार शिक्षा तथा अनुसंधान की अध्यक्षता में कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा की वैज्ञानिक सलाहकार समिति बैठक का आयोजन किया गया। डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि केन्द्र द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों का गठन केन्द्र की सबसे बड़ी उपलब्धि है, इन संगठनों के माध्यम से किसानों के समूह को जोड़कर उनकी आजीविका में सुधार किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया तथा आज किसानों को मोटा अनाज के प्रति जागरूक करने एवं अधिकतम उत्पादन लेकर आमदनी बढ़ाने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि केन्द्र पर स्थापित कस्टम हायरिंग सेन्टर में उपलब्ध कृषि यन्त्रों को निर्धारित दर पर किसानों को उपलब्ध कराया जाये। फसल विविधिकरण, उन्नत किस्में, रबी एवं खरीफ मौसम पूर्व किसानों को प्रशिक्षण देकर उद्यमिता का विकास करें। जिले के किसानों की आय में वृद्धि नवीनतम तकनीकी, प्राकृतिक खेती, समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाने से होगी।
प्रबन्ध कार्यकारिणी के सदस्य विष्णु कुमार पारीेक ने जलवायु परिवर्तन के अनुसार कृषि की नवीनतम तकनीकों को किसानों तक पहुँचाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कम जल मांग वाली फसलों के प्रति जागरूकता लाने का सुझाव दिया। डॉ. आर. ए. कौशिक निदेशक प्रसार शिक्षा ने केन्द्र द्वारा संचालित गतिविधियो में नवीनतम तकनीकों के समावेश की आवश्यकता जताई साथ ही केन्द्र की गतिविधियों में निरन्तर वृद्धि करने एवं किसानों में नवीनतम कृषि तकनीकी के हस्तान्तरण की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए उद्यानिकी फसलों के उत्पादन के प्रति किसानों को जागरूक करने की बात कही।
अनुसंधान निदेशक डॉ. ए.के वर्मा, ने इन्टर क्रॉपिंग एवं वर्षा जल संग्रहण तकनीकी के कृषि में समावेश की जानकारी किसानों तक पहुचाने की आवश्यकता जताई। एमपीयूएटी के कुल सचिव सुधांशु सिंह ने किसानों की आजीविका में वृद्धि करने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षणों के आयोजन करने का सुझाव दिया।
डीन सीडीएफटी उदयपुर डॉ. लोकेश गुप्ता ने उन्नत मुर्गीपालन हेतु प्रतापधन नस्ल के चूजे उपलब्ध करवाकर जिले के किसानों की आमदनी दुगुनी करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। छात्र कल्याण अधिकारी डॉ. मनोज महला ने केन्द्र की गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुँचाने की आवश्यकता जताई। डॉ. मंजीत सिंह, मृदा एवं जल अभियान्त्रिकी विभाग, उदयपुर ने जल संरक्षण की तकनीकी द्वारा पानी के समुचित उपयोग की जानकारी दी। कृषि महाविद्यालय भीलवाड़ा के डीन डॉ. एल एल पंवार ने केन्द्र के प्रदर्शन फार्म पर उन्नत किस्म के बीज उत्पादन की आवश्यकता जताई। बारानी कृषि अनुसंधान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एल. के. छाता ने पौध व्याधि के प्रशिक्षण आयोजित करने की आवश्यकता बताई।
महिला एवं बाल विकास विभाग से श्रीमती राजेश शर्मा ने कृषि में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता के साथ ही सब्जियों के किट उपलब्ध करवाने की बात बताई। नाबार्ड से सुश्री वसुंधरा ने कृषक हितार्थ नाबार्ड की योजनाओं के बारे में बताया। संयुक्त निदेशक कृषि आई एस संचेती ने केन्द्र पर किसान घर बनाने की आवश्यकता जाहिर की।
उपनिदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक, आत्मा डॉ. एस.एस. राठौड ने आत्मा परियोजना की जानकारी देते हुए प्रशिक्षणों के माध्यम से कृषकों में उद्यमिता विकास की आवश्यकता प्रतिपादित की। उपनिदेशक उद्यानिकी डॉ. राकेश माला ने उद्यानिकी के विषयों पर प्रशिक्षण आयोजित करने का सुझाव दिया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन एवं आगामी कार्य योजना का प्रस्तुतिकरण करते हुए केन्द्र की गतिविधियों से अवगत कराया। बैठक से पूर्व केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डॉ. के.सी नागर ने विगत वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक में प्राप्त सुझावों पर की गई कार्यवाही का प्रस्तुत किया।
बैठक में डॉ. एस. डी. धाकड़, डॉ. धीरेन्द्र सिंह राठौड, डॉ. किशन जीनगर, डॉ. जे.के.बालियान, जी. के.शर्मा, डॉ. राजेन्द्र पारडे, नारायण सिंह चौहान, महेन्द्र सिंह चुण्ड़ावत, अजीत सिंह राठौड़, प्रकाश कुमावत, परसराम शर्मा एवं भंवर कंवर ने भाग लिया। डॉ. के. सी. नागर ने आगंतुक अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।