स्कूली वाहनों की चेकिंग पर ऑटो-वैन ड्राइवरों का विरोध तेज

उपकरण लगाने के लिए 31 दिसंबर तक मोहलत की मांग
उदयपुर, 24 नवंबर : उदयपुर में परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की ओर से स्कूली वाहनों पर चल रही सख्त चेकिंग के खिलाफ सोमवार को बड़ी संख्या में ऑटो और वैन ड्राइवर कलेक्ट्रेट पहुंचे। विभिन्न यूनियनों से जुड़े ड्राइवरों ने एकजुट होकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि नए सुरक्षा उपकरण लगाने और वाहन मानकों को पूरा करने के लिए उन्हें 31 दिसंबर 2025 तक का समय दिया जाए। ड्राइवरों का कहना है कि फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र और वाहनों पर पीली पट्टी लगाने जैसे आवश्यक प्रावधानों को पूरा करने में समय और आर्थिक दोनों प्रकार की चुनौतियां सामने आ रही हैं। अचानक की गई इस कार्रवाई से कई वाहन सड़क से बाहर हो गए हैं, जिससे स्कूलों में बच्चों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।

यूनियनों ने आरोप लगाया कि इस बार बिना पूर्व सूचना नियमों की नई व्याख्या करते हुए चालान काटे जा रहे हैं, जबकि ऑटो में छह और वैन में 10 से 12 बच्चों के बैठने की क्षमता वर्षों से तय है और वाहन मालिक नियमित रूप से एस.आर.टी. शुल्क भी जमा करते आए हैं। ड्राइवरों ने कहा कि ईंधन की बढ़ती कीमतें और स्कूलों द्वारा तय कम किराया पहले ही उनकी आय पर दबाव डाल रहा है, ऐसे में अचानक की गई सख्ती रोजी-रोटी पर सीधा असर डाल रही है। विभिन्न यूनियनों—इंडियन ऑटो रिक्शा चालक यूनियन, एकता ऑटो यूनियन, लेकसिटी ऑटो चालक यूनियन और बाल वाहिनी संघर्ष समिति—के प्रतिनिधियों ने मांग की कि जब तक नई व्यवस्था को पूरी तरह लागू करने की तैयारी नहीं हो जाती, तब तक चालान प्रक्रिया को स्थगित किया जाए।

यूनियनों ने यह सुझाव भी दिया कि स्कूली बच्चों के किराए को लेकर प्रशासन एक स्पष्ट नीति बनाए, जिसमें वैन के लिए 2000 रुपए और ऑटो के लिए 1500 रुपए मासिक किराया तय किया जाए। ड्राइवरों का कहना है कि थोड़ी राहत और समय मिल जाए तो वे सभी नियमों का पालन सुनिश्चित कर सकेंगे।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!