पशुधन विकास में पशुपालन मजदूरों का भी महत्वपूर्ण योगदान

उदयपुर 01 मई। पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छगाणी ने बताया कि पशुपालन मजदूर ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो खेत पर काम करता है संभवतः पशुपालन पर ध्यान केन्द्रित करता है। डॉ. छंगाणी के अनुसार देश में 53 प्रतिशत से भी अधिक मजदूर खेतों में जुताई इत्यादि के साथ डेयरी पालन मुर्गी पालन जैसे कार्यों से जुड़े हुए है। पशुपालन मजदूर की मुख्य जिम्मेदारियां पशुओं की देखभाल, पशु प्रजनन में सहायक पशु स्वास्थ्य की निगरानी, पशुधन परिवहन एवं सामान्य रखरखाव है। अगर इन्हें उपयुक्त प्रशिक्षण दिया जाये तो ये बेहतर कार्य कर सकते है। डॉ. छंगाणी ने बताया कि मजदूर दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि यह दिन दुनिया भर के मजदूरों और श्रमिक वर्ग के लोगों को समर्पित है। देश के विकास में ऐसा कोई निर्माण नही है जिसमें मजदूर वर्ग के परिश्रम का योगदान न हो। पशु उत्पादन में भी अत्यधिक भूमिका पशुपालन मजदूरों की ही होती है। राष्ट्र की प्रगति और उन्नति में इनकी भागीदारी के बिना असंभव है। डॉ. छंगाणी ने बताया मजदूर दिवस का उद्देश्य मजदूरों के सम्मान के अलावा उनकी एकता को मजबूत बनाना और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता करना भी है।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!