उदयपुर 7 अगस्त/स्वरोजगार के लिए वर्तमान समय में पशुपालन ही बेहतर विकल्प हो सकता है। पशुपालन व्यवसाय कम पूंजी से प्रारंभ कर धीरे धीरे इस व्यवसाय को बढ़ाया जाना आसान होता है। यह बात प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेंद्र छंगाणी ने चित्तौड़गड, भीलवाड़ा एवम राजसमंद जिले के पशुपालन के त्रिदिवसीय आवास प्रशिक्षण के समापन अवसर पर कही। डॉ. छंगाणी ने कहा कि पशुपालक अपने पास उपलब्ध संसाधनों से एवं कम पूंजी लगाकर अपना व्यवसाय प्रारंभ कर सकता है। वर्तमान में पशु उत्पादन की मांग निरंतर बढ़ती जा रही हैं। इस अवसर पर डॉ. सुरेश शर्मा ने बताया कि कम उत्पादन वाले पशुओं को उन्नत नस्ल के सांड से अथवा उन्नत नस्ल के सांड के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान करवाकर नस्ल सुधार करके तीसरी पीढ़ी से दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सकता हैं। डॉ. पदमा मील ने कहा कि पशुओं को संतुलित आहार देना चाहिए ताकि पशुओं के उत्पादन में कमी ना हो पशुओं को रोज 30 ग्राम नमक खिलाना चाहिए एवम समय समय पर बाह्य एवम अंतः कृमियो की चिकित्सा तथा टीकाकरण कराना चाहिए। त्रिदिवसीय प्रशिक्षण में डॉ. सविता मीना, पन्नालाल, बहादुर सिंह इत्यादि ने प्रशिक्षण दिया।
स्व रोजगार के लिए सबसे बेहतर विकल्प पशुपालन
