विवेकपूर्ण और तर्कपूर्ण वाणी से अनेक समस्याओं का समाधान संभव : आचार्य महाश्रमण

–  2 दिसंबर को केलवा में प्रवास करेंगे आचार्य महाश्रमण
उदयपुर, 1 दिसम्बर। तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण  अपनी धवल वाहिनी के साथ श्रद्धा, भक्ति, त्याग, शौर्य, और बलिदान की वीर वसुंधरा  मेवाड़ में अहिंसा यात्रा के माध्यम से नशामुक्ति , नैतिकता और सद्भावना का संदेश देते हुए विभिन्न क्षेत्रों का विचरण करते हुए धर्म प्रभावना कर रहे है। फत्तावत ने बताया कि मेवाड़ यात्रा के दौरान विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और हस्तियों का आचार्य महाश्रमण के दर्शन हेतु आने का क्रम बना हुआ है।
श्री मेवाड़ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी कांफ्रेंस के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि आचार्य महाश्रमण 1 दिसम्बर को प्रात: प्रज्ञा विहार कांकरोली से विहार करके तुलसी साधना शिखर , भिक्षु बोधी स्थल, गांधी सेवा सदन होते हुए  भिक्षु निलयम राजनगर पधारे।  आचार्य महाश्रमण 2 दिसंबर को बोरज होते हुए  केलवा पधारेंगे। फत्तावत ने बताया कि मेवाड़ को तेरापंथ की जन्म स्थली माना जाता है। उसी जन्मस्थली मेवाड़ के विभिन्न क्षेत्रों के श्रद्धालुओं ने मार्ग में अलग अलग स्थानों पर आचार्य महाश्रमण के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। आचार्य महाश्रमण ने विहार के बाद उपस्थित जन समुदाय को अमृत देशना देते हुए फरमाया कि हमारे जीवन में शरीर और आत्मा दो तत्व है। इन दो तत्वों में ही संपूर्ण सार समाहित है। व्यक्ति को तीन बातों पर ध्यान देना चाहिए। अनावश्यक नहीं बोलना, दोषपूर्ण नहीं बोलना, विचारपूर्वक बोलना। व्यक्ति अपनी विवेकपूर्ण, मधुर और तर्कपूर्ण बोली से प्रभावी तरीके से अपनी बात सबके समक्ष रख सकता है। यह वर्ष आचार्य भिक्षु के जन्म त्रि शताब्दी वर्ष के रूप में चल रहा है। और राजनगर का तेरापंथ के निर्माण में महत्वपूर्ण स्थान है।  साध्वी प्रमुखा विश्रुत विभा ने भी अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया। आज के कार्यक्रम में ज्ञानशाला के बच्चों ने आकर्षक प्रस्तुति दी। नगर परिषद राजसमन्द सभापति अशोक टांक, स्ष्ठरू राजसमन्द ब्रजेश गुप्ता, तेरापंथ सभा राजनगर अध्यक्ष हर्ष नवलखा, बोधी स्थल उपाध्यक्ष शांतिलाल कोठारी, मंत्री सागरमल कावडिय़ा, टी पी एफ अध्यक्ष दिव्यांश चव्हाण, ऋतु धोका, तेरापंथ युवक परिषद उपाध्यक्ष अंकित परमार, अणुव्रत समिति अध्यक्ष भरत दक, तीशा बेताला, सुभाष चपलोत, राजनगर मित्र मंडल मुंबई के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र कावडिय़ा, गणपतलाल धर्मावत,  अपने भावों की प्रस्तुति दी। महिला मंडल, कन्या मंडल द्वारा गीत प्रस्तुति की गई। अंत में उपस्थित जन समुदाय को मंगल पाठ का श्रवण करवाया गया।


By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!