उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में कुलगुरु प्रोफेसर सुनीता मिश्रा के बयान को लेकर सोमवार को छात्रों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। मामला तब भड़का जब प्रो. मिश्रा ने हाल ही में आयोजित एक सेमिनार में मुगल शासक औरंगजेब को “कुशल प्रशासक” कह दिया। यह टिप्पणी सामने आते ही छात्र संगठनों में गुस्सा फैल गया और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता कैंपस में जुट गए।
छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर जमकर नारेबाजी की और गेट बंद किए जाने पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया। माहौल बिगड़ता देख मौके पर पुलिस को तैनात करना पड़ा।
प्रो. मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरा वक्तव्य सुना जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनका उद्देश्य औरंगजेब की प्रशंसा करना नहीं था, बल्कि ऐतिहासिक संदर्भ प्रस्तुत करना था। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि यदि किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वे माफी चाहती हैं।
गौरतलब है कि कुलगुरु पहले भी कई विवादों में घिर चुकी हैं—फीस बढ़ोतरी, कर्मचारियों से विवाद और छात्रों के निष्कासन जैसे मुद्दों पर कैंपस कई बार उथल-पुथल देख चुका है। अब औरंगजेब को लेकर दिया गया बयान नए विरोध का कारण बन गया है।
छात्र नेताओं का कहना है कि जब तक कुलगुरु अपने पद से इस्तीफा नहीं देतीं और छात्रों पर हुए निष्कासन आदेश वापस नहीं लिए जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रशासन की ओर से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है, जबकि पुलिस सतर्क निगरानी कर रही है।