उदयपुर। न्यू भूपालपुरा स्थित अरिहंत भवन में उद्बोधन देते हुए जैनाचार्य ज्ञानचंद्र महाराज ने कहा कि अपने भगवान पर, अपने कर्मों हमेशा भरोसा रखो। भगवान वह नहीं देता जो हमें अच्छा लगता है, भगवान वह देता है जो हमारे लिए अच्छा होता है।क्योंकि हम जो चाहते हैं उसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। वह नुकसानदायी भी बन सकता है। परंतु ईश्वर और आपका शुभ कर्म कभी गलत राह ंपर नहीं जाने देते हैं और उसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है ,वह हमेशा शुभ परिणाम ही देते हैं।
आचार्यश्री ने भक्ति की पात्रता को स्पष्ट करते हुए आगे बतलाया कि भगवान की भक्ति के लिए अपने आप को भी सही बनाए। इसके लिए आवश्यकता है कि परेशानी आए तो ईमानदार बने,धन आ जाए तो सरल बने, अधिकार आने पर विनम्र रहे, क्रोध आने पर शांत रहें’, यही जीवन का सही प्रबंधन है।
उन्होंने कहा कि जब तक यह सहृदयता अंदर में नहीं आती, तब तक भगवान की प्राणों में प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है। आप अपने आप को सही बनाएं। फिर भगवान की भक्ति पर पूरा भरोसा हो। जैसे सुदर्शन सेठ को था तो दैविक शक्ति भी झुक गई।
संयोजक विजय कोठारी एवं अशोक कांठेड़ के अनुसार आदर्श त्यागी सुदर्शन मुनि महाराज साहब के 33 का तप चल रहा है। श्रीमती अनीता धाकड़ के सात का तप चल रहा है। 9 अगस्त को संकल्प दिवस एवं 10 अगस्त को पांच पांच सामायिक एवं तप भक्ति दिवस, 11 अगस्त को अनशन दिवस मनाया जाना है। आज तप भक्ति महोत्सव का सौजन्य बसंतीलाल कुन्दन कुकड़ा की तरफ से रहा।
च्छे कर्मों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता-ज्ञानचन्द
