सांसद डॉ मन्नालाल रावत के सुझाव पत्र पर सीएमओ से आवश्यक कार्रवाई के निर्देश
उदयपुर। उदयपुर लोकसभा सांसद मन्नालाल रावत के सुझाव पर राज्य सरकार ने जिला एवं राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में सरकारी विद्यालयों के 50 प्रतिशत छात्र-छात्राओं को शामिल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
सांसद डॉ रावत ने इस संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख कर बताया था कि गणतंत्र दिवस एवं स्वाधीनता दिवस के अवसर पर जिला एवं राज्य स्तर के विभिन्न कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति के लिए केवल निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को ही बुलाया जाता है, जबकि राज्य में अधिकांश विद्यार्थी राजकीय विद्यालयों में अध्यनरत हैं। यह भी ध्यान में आया है कि आयोजक या प्रभारी दल इस बात से अभिनीत हैं कि निजी विद्यालय के विद्यार्थी अच्छा प्रदर्शन करते हैं एवं उन्हें कम मेहनत करनी पड़ती है, जबकि यह इसके एकदम विपरीत है। सांसद डॉ ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पीएम श्री विद्यालयों की अवधारणा, राज्य सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल की अवधारणा तथा एकलव्य रेजिडेंशियल मॉडल स्कूल की बड़ी श्रृंखला यह दिखाती है कि शासकीय विद्यालय अत्यंत उत्कृष्ट ढंग से कार्य कर रहे हैं। केंद्रीय विद्यालय एवं जवाहर नवोदय विद्यालय इसके अन्य उदाहरण है। सैनिक विद्यालय के विद्यार्थी भी सर्वाेत्तम परिणाम दे रहे हैं। ऐसे में इन राष्ट्रीय आयोजनों में केवल निजी विद्यालय के विद्यार्थियों को ही आगे लाना गरीब, उपेक्षित एवं वंचित वर्ग के विद्यार्थियों की प्रतिभाओं का अपमान करना है एवं यह उपेक्षा शासन के क्षेत्र में अत्यंत गंभीर है।
सांसद डॉ रावत ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि राज्य स्तर पर निर्देश दिए जाने चाहिए कि उपखण्ड, जिला एवं राज्य स्तर पर आयोजित विभिन्न राजकीय कार्यक्रमों के सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में न्यूनतम 50 प्रतिशत छात्र-छात्राएं राजकीय विद्यालयों से लिए जाए जो कि लोक कला में अत्यंत पारंगत भी है। सांसद रावत के इस पत्र पर मुख्यमंत्री कार्यालय से शासन सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने को कहा है।
जिला एवं राज्य स्तरीय कार्यक्रमों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में 50 फीसदी बच्चे सरकारी स्कूलों के होंगे
