तकनीकी युग में स्क्रीन फोन डेस्क से अधिकतम जुड़ाव और अनियंत्रित पॉश्चर के चलते फिजियोथैरेपी की आवश्यकता बड़ी है – प्रो सारंगदेवोत।
काॅन्फ्रेस मे फार्टिस हाॅस्पिटल मुलुद मुंबई व अपोलो हास्पिटल, नवी मंबई के बीच हुआ एमओयू।
उदयपुर। फिजियोथैरेपी केवल अस्वस्थ के लिए ही नहीं वरन स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य लाभ और हेल्दी व्यक्ति के फिटनेस के लिए भी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, उक्त विचार जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के डबोक स्थित कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस में फिजियोथैरेपी विभाग द्वारा “फिजियोथेरेपी की उत्कृष्टता के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य को सशक्त बनाना” विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के समापन पर अध्यक्ष, पेसिफिक ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटीज और अध्यक्ष शासी बोर्ड यूनेस्को प्रो भगवती प्रसाद शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि कहे।
उन्होंने कहा कि कई महिलाएं ऐसे उपचार विकल्पों के बारे में नहीं जानती हैं जो दर्द से राहत देने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने महिलाओ के स्वास्थय में फिजियोथैरेपी की भूमिका की जानकारी दी कि फिजियोथैरेपी के माध्यम से महिलाओ के स्वास्थय प्रणाली तथा जीवन शैली को बदला जा सकता है ।
इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहे जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो कर्नल शिव सिंह सारंगदेवोत ने फिजियोथेरेपी के विभिन्न आसन का वर्णन करते हुए कहा कि आज की दुनिया में, जहाँ अनगिनत घंटे स्क्रीन, फ़ोन और डेस्क पर झुके हुए बिताए जाते हैं, त्रुटिहीन मुद्रा का महत्व पहले कभी इतना स्पष्ट नहीं था। जिस तरह एक इमारत को ऊँचा खड़ा करने के लिए एक मजबूत नींव की आवश्यकता होती है, उसी तरह हमारे शरीर को बेहतर ढंग से काम करने के लिए उचित संरेखण की आवश्यकता होती है। अच्छी मुद्रा के लिए फिजियोथेरेपी अपनाना दर्द को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ाने की कुंजी हो सकती है।
इस अवसर पर अतिथि व सान्निध्य के रूप में कुलप्रमुख भवर लाल गुर्जर ने विद्यापीठ के शुरुआती अनुभव साझा करते हुए कहा कि फिजियोथैरेपी मानव के स्वस्थ जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है और विद्यापीठ कुल परिवार की ओर से श्रेष्ठ आयोजन के लिए सभी को बधाई दी ।
प्राचार्य डॉ शैलेंद्र मेहता ने बताया कि इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि जनार्दन राय नगर राजस्थान विद्यापीठ के कुलप्रमुख भंवर लाल गुर्जर, डिएगो कैन्टोर, आस्टियोपैथ डी.ओं. पोस्टरोलाॅजी बारी इटली, डाॅ. भास्कर रेड्डी, सीनियर स्पेशलिस्ट फिजियोथैरपीष्ट फाॅर मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ सऊदी अरबीया, डाॅ. एस.एस. सुब्रमण्यम डीन श्री बालाजी काॅलेज आफ फिजियोथैरेपी चेन्नई, डाॅ. हार्दिक पटेल, डायरेक्टर आफ फिजियोथैरेपी फोर्टिस हाॅस्पिटल मुलुंद मुंबई,अधिठाता स्कूल आफ एग्रीकल्चर साइंस प्रो गजेन्द्र माथुर आदि उपस्थित रहे।
कॉन्फ्रेंस में अभी तक लगभग 600 प्रतिभागियों का पंजीकरण हुआ।
काॅन्फ्रेस मे फार्टिस हाॅस्पिटल मुलुद मुंबई व अपोलो हास्पिटल, नवी मंबई विभाग के विद्यार्थियों की क्लीनिकल ट्रेनिंग हेतु अकादमिक सहभागिता का समझोता किया गया।* कार्यक्रम में सहा आचार्य डाॅ. विनोद नायर ने धन्यवाद दिया। जबकि संचालन डाॅ प्रज्ञा भट्ट व डाॅ. आरुषी टंडन ने किया ।
कार्यक्रम में जयपुर से डाॅ कंचन खोलिया, डाॅ. रिया गुप्ता, डाॅ मधु तवेतिया, डाॅ. टीना जी चैहान, गुजरात से डाॅ. मेघवी ओझा, डाॅ. धवल एन पटेल अहमदाबाद, डाॅ. रूषी कज्जर, डाॅ. नियति पटेल, डाॅ. प्रिशा भगत, गुजरात, डाॅ राखी चौधरी कोटा, डाॅ. जफर खान, डाॅ. सुमिता खाउण्ड, डाॅ मानस काति, डाॅ. कार्तिक, डाॅ. प्रिया दाधीच, डाॅ.नवज्योति गुप्ता, डाॅ.रोनिता सोनी, डाॅ. चिराग पूर्बिया उपस्थित थे।
इससे पूर्व कल दिनांक 20 अक्टूबर को उक्त सेमिनार का उद्घाटन सत्र कालेज ऑफ एग्रीकल्चर डबोक में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक रहे और अध्यक्षता राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो कर्नल शिव सिंह सारंगदेवोत ने की।
विशिष्ठ अतिथि अधिठाता स्कूल आफ एग्रीकल्चर साइंस प्रो गजेन्द्र माथुर , डाॅ. अजीत सहारण, प्राचार्य नीम्स काॅलेज आफ फिजियोथैरेपी, जयपुर, एलेन टेन फाउंडर डायरेक्टर ए.ओं. लव पिलाटस स्टूडियो मलेशिया, डाॅ पुष्पेंद्र यदुवंशी प्राचार्य केरियर पाॅइंट यूनिवर्सिटी कोटा, डाॅ जयवन्त नागुलकर प्राचार्य उल्हास पाटील काॅलेज आफ फिजियोथैरेपी जलगाॅव महाराष्ट्र आदि ने भी विषय पर अपने विचार साझा किए।