अन्नदाताओं के उत्थान हेतु दृढ़ संकल्पित है भजनलाल सरकार

गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना में मिलेगी दस-दस हजार रुपए की सहायता राशि
जिले में 800 इकाइयों की स्थापना हेतु 80 लाख रुपयों का मिलेगा अनुदान
उदयपुर, 26 सितंबर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा कृषि बजट 2024-25 में जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश में कृषकों को गोवंश से जैविक खाद उत्पादन करने के लिए प्रेरित करने हेतु गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना के तहत 10 हजार प्रति कृषक तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। कृषि विभाग द्वारा इस अनुदान हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक (विस्तार) सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि जिले को 80 लाख रुपये की अनुदान सहित 800 इकाइयों की स्थापना हेतु लक्ष्य दिया गया है। कृषि कल्याण कोष अंतर्गत गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना कार्यक्रम के तहत गोवंश से जैविक उर्वरक उत्पादन इकाई का निर्माण जिले के समस्त ब्लॉक में सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कृषक श्रेणी वार सभी सहायक कृषि अधिकारियों को इसके लक्ष्य आवंटित किए जा रहे हैं।
इसके तहत कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व रखने वाले आवेदक कृषक जिनके पास कम से कम पांच गोवंश हो, गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना अंतर्गत अनुदान के लिए पात्र होंगे। खातेदार कृषक आपसी सहमति के आधार पर एक ही खतरे में अलग-अलग वर्मी कंपोस्ट इकाई बनाने पर भी अनुदान के लिए पात्र होंगे। जैविक उर्वरक उत्पादन के लिए वर्मी कंपोस्ट इकाई स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार प्रति इकाई आकार अनुसार यथानुपात कृषकों को अनुदान देय होगा।
ऐसे करें आवेदन:
वर्मा ने बताया कि कृषक ई-मित्र केंद्र पर अथवा स्वयं राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार नंबर एसएसओ आईडी के माध्यम से ई-प्रपत्र भरकर साथ में जमाबंदी की नकल स्कैन और अपलोड कर आवेदन कर सकते हैं।कृषक अपने आवेदन की स्थिति प्रगति को ऑनलाइन ही देख सकते हैं। विभाग द्वारा ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे।
इस तरह बनेगी वर्मी कंपोस्ट इकाई:
वर्मी कंपोस्ट इकाई की स्थापना के लिए 20 फीट गुणा 3 फीट गुणा डेठ से 2 फीट आकार की एक बेड या 10 फीट गुणा 3 फीट गुणा डेठ से 2 फीट साईज की दो बेड की इकाई स्थापित करनी होगी। जिसके ऊपर छाया की व्यवस्था स्थानीय उपलब्ध सामग्री के अनुसार कृषक द्वारा ही की जाएगी। एक इकाई के लिए कम से कम 8 से 10 किलोग्राम केंचुए पर व्यय कृषक द्वारा ही किया जाएगा तथा प्रत्येक बेड में ट्राइकोडर्मा, पीएसबी, एजोटोबेक्टर कल्चर एवं नीम की खली का प्रयोग स्वयं कृषक के स्तर पर उपलब्धता के अनुसार किया जा सकेगा। विभागीय अधिकारी एवं फील्ड स्तर पर कार्यरत कृषि पर्यवेक्षक सहायक कृषि अधिकारी द्वारा कृषक द्वारा स्थापित की गई कार्यशील इकाई का कृषक एवं स्वयं भौतिक सत्यापनकर्ता की मौजूदगी में जियो टैगिंग युक्त फोटोग्राफ के उपरांत डीबीटी के माध्यम से कृषक के बैंक के खाते में अनुदान राशि जारी की जायेगी।
विभाग द्वारा ऐसे जारी होगी स्वीकृतियां:
वर्मा ने बताया कि फील्ड अधिकारियों द्वारा प्री वेरीफिकेशन के उपरांत पात्र प्रस्ताव पर वर्मी कंपोस्ट इकाई निर्माण के लिए कार्यालय द्वारा ब्लॉक वार ई आवंटित लक्ष्यों के मध्य नजर प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी। जिसकी सूचना कृषक को मोबाइल पर एसएमएस द्वारा तथा संबंधित सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक द्वारा दी जाएगी। जिसके 7 दिवस के भीतर कार्य प्रारंभ करना होगा तथा इसके पश्चात 45 दिवस में कार्य पूर्ण करना होगा।

By Udaipurviews

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