उदयपुर, 26 सितम्बर। भारत तिब्बत समन्वय संघ की राष्ट्रीय कोर परिषद की बैठक 28-29 सितम्बर को उदयपुर में होने जा रही है। इस बैठक में तिब्बत की स्वाधीनता और उसके चहुंमुखी विकास के मुद्दे, सनातनी तीर्थस्थल कैलाश मानसरोवर की मुक्ति सहित चीन के अवैध कब्जे वाली भारत की भूमि को मुक्त कराने को लेकर आगामी कार्ययोजना पर मंथन व निर्णय किए जाएंगे।
संघ के चित्तौड़ प्रांत के प्रांत अध्यक्ष एडवोकेट दिनेश गुप्ता ने बताया कि उदयपुर में होने वाली इस बैठक को ‘तप-2024’ नाम दिया गया है। दो दिवसीय यह बैठक हिरणमगरी सेक्टर-13 स्थित आशीष वाटिका में होगी। इसका उद्घाटन सत्र 28 सितम्बर शनिवार को प्रात: 11 बजे से 1.30 बजे तक होगा। बैठक का समापन सत्र 29 सितम्बर को दोपहर 12 बजे होगा। इस बैठक में भाग लेने के लिए देश भर से प्रतिनिधि शामिल होंगे। इनमें वे भी तिब्बत निवासी प्रतिनिधि होंगे जो भारत में रह रहे हैं।
गुप्ता ने बताया कि भारत तिब्बत समन्वय संघ अखंड भारत के निर्माण की दिशा में कार्य करने वाला संगठन है। चूंकि तिब्बत की चीन की दासता से मुक्ति के साथ ही सनातन के सबसे बड़े तीर्थ भगवान शंकर के मूल स्थान, भगवान गणेश जी और भगवान कार्तिकेय जी की जन्मस्थली कैलाश मानसरोवर की मुक्ति संभव होगी, इसलिए संगठन अलख जागरण के लिए कई कार्य कर रहा है। भारत तिब्बत समन्वय संघ ने अब तक 30 से अधिक सारगर्भित प्रस्ताव पारित कर उस के आधार पर प्रभावी कार्य किया है और आज भी कर रहा है।
इस राष्ट्रीय बैठक के लिए राष्ट्रीय महामंत्री (राजस्थान प्रभारी) ले. कर्नल श्रीनिवास राव, राष्ट्रीय सहसंयोजक (संवाद प्रभाग) संजय सोनी, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सोनी, क्षेत्रीय अध्यक्ष (महिला विभाग) मेजर डॉ. बेला मलिक, राष्ट्रीय सहमंत्री (बाल विभाग) माधव सोनी के मार्गदर्शन में तैयारियां की जा रही हैं।
